जम्मू: कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए घोषित लॉकडाउन में लोग एतिहयातन घरों से नहीं निकल रहे हैं. घरों में ही रह कर लोग अपना समय व्यतीत करने के लिए अलग अलग तरीके निकाल रहे हैं. लॉकडाउन के दौरान जम्मू की कामकाजी महिलाओं के बीच सोशल मीडिया ग्रुप्स में नए-नए व्यंजनों को सीख कर उनके फ़ोटो शेयर करने की होड़ मची है.
लॉकडाउन के चलते अगर आप घर पर बैठे-बैठे उब गए हैं. अगर ऐसे में आपको अपने परिवार के साथ रोज़ाना नए-नए व्यंजन परोसे जाएं तो बात ही अलग होगी. जम्मू में कामकाजी महिलाऐं इन दिनों कुछ यही कर के न केवल लॉकडाउन ने अपने समय का सही इस्तेमाल कर रही हैं बल्कि रोज़ाना नए नए पकवान खिला कर अपने परिवार की वाहवाही भी लूट रही हैं. अब आप सोंच रहे होंगे कि 21 दिन के लॉकडाउन के दो हफ्तों में रोज़ाना नया पकवान कैसे बन सकता है, तो इसका तरीका जम्मू की महिलाओं ने निकाल लिया है.
यह महिलायें सोशल मीडिया साइट्स पर कई ग्रुप बना कर एक दूसरे से रोज़ाना नए नए व्यंजनों की न केवल तस्वीरें शेयर कर रही है बल्कि इन व्यंजनों को पकाने के तरीके भी शेयर कर रही हैं. जम्मू के एक निजी स्कूल में काम कर रही अंशुमा गुप्ता ने सोशल मीडिया साइट फेसबुक पर BORN2EAT नाम का पेज बनाया है. अंशुमा बताती हैं कि लॉकडाउन से पहले वो अपनी नौकरी और घर के कामों से इतना समय नहीं निकाल नहीं पाती थीं कि इस पेज पर कुछ पोस्ट कर सकें.
लेकिन, लॉकडाउन के बाद उनके बाद उनके पास न केवल नए नए पकवान बनाने का समय है बल्कि वो इन पकवानों की तस्वीरें और बनाने का तरीका भी अपने पेज पर पोस्ट करतीं है. जिसकी ज़बरदस्त प्रतिक्रिया उन्हें मिल रही है. देश-विदेश के लोग इस पेज से जुड़ गए हैं और टिप्स भी ले रहे हैं. खाना बनाने की शौकीन अंशुमा के मुताबिक कि वह कोशिश लॉकडाउन के चलते वो कोशिश करती हैं कि घर में मौजूद मसालों, सब्ज़ियों, फल, दाल, चावल, घी और तेल का इस्तेमाल कर नए नए व्यंजन बनायें.
जब वो बनाये गए व्यंजनों की तस्वीरें अपलोड करती हैं तो लोग यह जानकर अधिक खुश होते हैं कि इन व्यंजनों को बनाने में घर में पहले से उपलब्ध चीजें ही इस्तेमाल की जा सकती हैं. उत्तर प्रदेश से इस ग्रुप के एक सदस्य मधुरम कुलश्रेष्ठ मज़ाक़ करते हुए लिखते हैं कि संविधान में संशोधन कर लॉकडाउन के दौरान ऐसे तस्वीरें और व्यंजन शेयर करने वालों को सजा का प्रावधान होना चाहिये.