मेरठ: 2019 लोकसभा से 6 महीने पहले जाट आरक्षण का मुद्दा गर्म होने लगा है. जाट-बाहुल्य राज्यों में अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति की रैलियां हो रही हैं. संघर्ष समिति के अध्यक्ष यशपाल मलिक ने कहा  कि 2014 लोकसभा में हमारा इस्तेमाल पश्चिमी उत्तर-प्रदेश में हिंदू की शक्ल में किया गया और जब हरियाणा में चुनाव हुए तो हमें गैर जाटों के सामने जाट बनाकर खड़ा कर दिया गया. मगर कांठ की हांडी केवल एक बार चढ़ती है. इस बार हम यह हांडी नहीं चढ़ने देगें. चुनाव आते ही बीजेपी को जातियां याद आने लगती है और उनका महिमामंडन शुरू कर दिया जाता है. सब कुछ पिछली बार की तरह है, लेकिन इस बार झूठा वादा नहीं चाहिए. मध्यप्रदेश और राजस्थान के चुनाव बीजेपी को दिसंबर तक जमीनी हकीकत का एहसास करा देगें. आरक्षण के बगैर हम पीछे हटने वाले नहीं हैं.


उन्होंने कहा कि इस बार के चुनाव से पहले जाटों को वादा नहीं आरक्षण चाहिए.  समिति  बीते 7 महीनों से मध्यप्रदेश, राजस्थान और यूपी के जिलों में संघर्ष समिति मोदी सरकार के थोथे वायदों के खिलाफ अपने लोगों के बीच रैलियां कर रही है.


बीजेपी के अन्य पिछड़ा वर्ग सम्मेलन में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जाट आरक्षण को समर्थन वाले बयान पर प्रतिक्रिया करते हुए यशपाल मलिक ने कहा कि सुप्रीमकोर्ट के संसोधन के बाद एससीएसटी एक्ट में सरकार ने कानून लाकर आठ दिन में बदलाव किया. सरकार को जाट आरक्षण के लिए कानून लाने में क्या दिक्कत है. चुनाव से पहले नरेन्द्र मोदी ने चौधरी चरणसिंह के नाम पर रैलियां करके वोट मांगे थे. हमारे साथ भी बात की. 26 मार्च 2015 को पीएम ने हमारे साथ बैठक करके कहा था- ‘जाटों ने सरकार बनवाई है उनके चेहरे पर शिकन नहीं देखना चाहता. कानून बनाकर जाटों को आरक्षण देगें’. लेकिन इसके बाद वह चुप्पी साध गये.


आरक्षण के साथ हरियाणा के केस वापस चाहिए

हरियाणा में जाट आरक्षण के नाम पर हिंसा पर यशपाल मलिक कहते हैं कि बीजेपी ने हमें लड़वाया. जो केस दर्ज हुए उनमें समझौते हो चुके कई साल हो गये, लेकिन सरकार हमारे मुकदमें वापस नहीं ले रही है. हमारे बेकसूर लोग जेल में बंद हैं. एक तरफ हरियाणा में सरकार का यह रवैया है वहीं दूसरी ओर आरक्षण देने के लिए बीजेपी पैरोकारी करना चाहती है. यह साजिश है जिसे हम अब अच्छे से समझ चुके हैं. अबकी बार वादा नहीं, फैसला चाहिए. धोखा किया तो बीजेपी बड़ी कीमत चुकायेगी.


लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी की घेरने की तैयारी

यशपाल मलिक ने बताया कि मध्यप्रदेश और राजस्थान में जाटों को संदेश भेज दिये गये हैं. रैलियां हो रही है और वहां के जाट वोटर इस बार बीजेपी को सबक सिखाने की तैयारी भी कर चुके है. यूपी में भी यह दौर शुरू हो गया है. 16 और 21 सितंबर को मुरादाबाद में बड़ी रैलियां हो चुकी हैं. 14 अक्टूबर को बुलंदशहर में 4 नबम्बर को बिजनौर में और इस तरह सभी जिलों में 20 रैलियों का कार्यक्रम हैं. समापन की बड़ी रैली मेरठ में करेगें. पूर्वांचल में यादव, कुर्मी और वेस्ट में गुर्जरों से भी बात हो चुकी है. दिसंबर में लखनऊ में सभी पिछड़ी बिरादरियों की बड़ी रैली करके सरकार का पर्दाफाश करेंगे.