उत्तर प्रदेश: यूपी की योगी सरकार ने बैंकों से उधार लेने वाले किसानों को उनकी कर्जमाफी के लिए एक और मौका दिया है. पिछले एक सालों में जो किसान कर्जमाफी के लिए आवेदन नहीं कर सके हैं, वह अब पंद्रह अप्रैल तक आवेदन कर सकते हैं. कर्जमाफी के लिए आवेदन का एक और मौका दिए जाने का एलान सूबे के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने इलाहाबाद में किया.


उन्होंने बताया 31 मार्च की समय सीमा खत्म होने के बावजूद कुछ किसानों के आवेदन नहीं कर पाने के मामले सामने आए. सभी ज़रूरतमंद किसानों को योगी सरकार की कर्जमाफी योजना का फायदा मिल सके, इसके लिए कर्जमाफी के आवेदन के लिए एक और मौका दिया जा रहा है. इसके तहत योजना के दायरे में आने वाले लघु व सीमांत किसान पंद्रह अप्रैल तक सरकारी पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं. इसके अलावा कृषि विभाग की डिस्ट्रिक्ट लेवल कमेटी में भी लिखित आवेदन किया जा सकता है. कर्जमाफी के दायरे में आने वाले नए किसानों के लिए चार हजार करोड़ रुपए का बजट अलग से रखा गया है. कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने यह ज़रूर साफ़ किया कि आवेदन का यह आख़िरी मौक़ा होगा और इसके बाद कोई नया मौका नहीं दिया जाएगा.


इलाहाबाद में मीडिया से बात करते हुए सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि अब तक जिन पैंतीस लाख किसानों के कर्ज माफ़ किए गए हैं, उनमे से तकरीबन आठ हजार ऐसे हैं, जिन्होंने गलत तरीके से उधारी माफ़ कराई थी. ऐसे लोगों की पहचान कर उनसे वसूली की तैयारी की जा रही है. ऐसे लोगों में ज़्यादातर वह हैं, जिन्होंने कई बैंकों से कर्ज ले रखा था. किसी भी किसान को एक ज़मीन पर सिर्फ एक बैंक के कर्ज को माफ़ करने की योजना है, ऐसे में जिन्होंने नियमों के खिलाफ कर्जमाफी कराई है, उनसे वसूली की जा रही है. हालांकि मंत्री ने दावा किया कि ऐसे किसानों पर न तो जुर्माना लगाया जाएगा और न ही उनके खिलाफ कुछ दूसरी कार्रवाई की जाएगी. नये आवेदनों की स्क्रीनिंग अब इस तरह की जाएगी ताकि पुरानी गलतियां दोहराई न जा सकें.


मंत्री सूर्य प्रताप के मुताबिक समूचे यूपी में गेंहू क्रय केंद्रों ने काम करना शुरू कर दिया है. पिछले साल के मुकाबले इस बार प्रति क्विंटल एक सौ दस रूपये ज़्यादा कीमत पर गेंहू खरीदा जा रहा है. इस बार दस फीसदी क्रय केंद्र बढ़ा दिए गए हैं और तकरीबन पांच हजार केंद्रों पर किसानों से सीधे खरीद हो रही हैं.


गेंहू बेचते वक्त किसानों के पास आधार कार्ड और खतौनी ज़रूरी कर दी गई है, ताकि बिचौलिए कुछ गलत न कर सकें. किसानो के खाते में तीन दिनों में बिक्री के पैसे ट्रांसफर किये जाने की भी व्यवस्था की गई है. उन्होंने सूबे के किसानों से पराली नहीं जलाने की अपील करते हुए बताया है कि मेरठ युनिवर्सिटी से इसके विकल्पों पर रिसर्च करने को कहा गया है.