शाहजहांपुर: यूपी सरकार ने बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानन्द सरस्वती के खिलाफ चल रहे बलात्कार के मुकदमे को वापस लेने का फैसला लिया है. इससे लिए सरकार ने शाहजहांपुर जिला प्रशासन को एक आदेश भेजा है. वहीं दूसरी ओर कथित बलात्कार पीड़िता ने राष्ट्रपति को एक पत्र भेज कर सरकार के इस कदम पर आपत्ति दर्ज कराई और चिन्मयानन्द के खिलाफ वारंट जारी करने की मांग की है.
अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) सर्वेश दीक्षित ने बताया कि राज्य सरकार के गृह विभाग ने शाहजहांपुर कोतवाली में स्वामी चिन्मयानंद पर धारा 376 (बलात्कार) और 506 (धमकाने) के तहत दर्ज मुकदमा वापस लिए जाने का आदेश जिला प्रशासन को जारी किया है.
इस बीच, राज्य सरकार के प्रवक्ता और स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने लखनऊ में संवाददाताओं से इस मामले पर कहा कि सरकार ने पुराने मामले वापस लिए जाने की बात कही है लेकिन वह वास्तव में वापस लिया जाएगा या नहीं, इसका फैसला अदालत ही करेगी. अगर किसी को सरकार के कदम पर आपत्ति है तो वह उसे अदालत में चुनौती दे सकता है.
बहरहाल, इस मामले में अभियोजन अधिकारी विनोद कुमार सिंह की ओर से मुकदमा वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. उन्होंने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत को भेजे गये पत्र में कहा है कि सरकार ने छह मार्च को भेजे गए पत्र में चिन्मयानन्द से मुकदमा वापस लेने का निर्णय लिया है.
वहीं, दूसरी ओर चिन्मयानन्द पर बलात्कार का मामला दर्ज कराने वाली महिला ने राष्ट्रपति, प्रधान न्यायाधीश और जिला जज को पत्र भेजकर राज्य सरकार के इस कदम पर आपत्ति दर्ज करायी है. उन्होंने कहा है कि चिन्मयानन्द के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘‘यही बीजेपी 'बेटियों के सम्मान में, भाजपा मैदान में' का नारा दे रही थी और अब वही पार्टी मेरा मुकदमा खत्म करा रही है, यह बहुत ही दुखद है. सरकार को न्यायालय के निर्णय की प्रतीक्षा करनी चाहिए थी. मैंने अदालत में इस पर प्रार्थनापत्र दे दिया है कि आरोपी के खिलाफ वारंट जारी करके उसे जल्द से जल्द जेल भेजा जाए.’’
क्या है मामला?
बता दें कि जौनपुर से सांसद रहे स्वामी चिन्मयानंद अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री थे. उस वक्त उनके संपर्क में आई एक महिला उनके एक विद्यालय में प्राचार्य थी. उसने 30 नवम्बर 2011 को चिन्मयानन्द के खिलाफ शहर कोतवाली में दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया था.