लखनऊ: कुंभ के बहाने योगी सरकार की तैयारी हिंदुत्व के एजेंडे को धार देने की है. आरएसएस के गुरू मंत्र पर ये योजना बनी है. पिछले ही महीने दिल्ली जाकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने संघ प्रमुख मोहन भागवत से भेंट की थी. अगले साल लोकसभा चुनाव होने हैं. दांव पर यूपी की 80 लोकसभा सीटें हैं. योगी ख़ुद ही तैयारियों का जायज़ा लेने इलाहाबाद जाते रहे हैं. इसी महीने कुंभ की वेबसाइट और एप लांच करने पर काम चल रहा है. कुंभ का लोगो बहुत पहले ही डिज़ाइन हो चुका है. यूपी के नए चीफ़ सेक्रेटरी अनूप चंद्र पांडे ने कुंभ की तैयारी पर बैठक बुलाई.
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मेला क्षेत्र में 20 हज़ार यात्रियों के ठहरने का इंतज़ाम
योगी सरकार इलाहाबाद कुंभ को देश के धार्मिक वैभव के रूप में पेश करना चाहती है. गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के संगम पर कुंभ दुनिया का सबसे बड़ा मेला माना जाता है. हज़ारों, लाखों नहीं बल्कि करोड़ों लोग स्नान के लिए जुटते हैं. शाही स्नान के दिन तो तिल रखने भर की जगह नहीं होती है. साधु संतों के अलावा इस बार मेला क्षेत्र में 20 हज़ार यात्रियों के ठहरने का इंतज़ाम किया जा रहा है.एक ऐसा अस्थायी ऑडिटोरियम बनाया जायेगा, जहां 10 हज़ार लोग एक साथ बैठ कर प्रवचन सुन सकते हैं.
11 हज़ार सफ़ाईकर्मी किए जाएंगे तैनात
इसका नाम गंगा पंडाल रखा गया है.कुंभ में 20 हज़ार कूड़ा बॉक्स लगाए जाएंगे. जिससे गंदगी इधर उधर न फैले. मेले के दौरान स्वच्छता बनाए रखने के लिए 11 हज़ार सफ़ाईकर्मी तैनात करने का फ़ैसला हुआ है. गंगा नदी के साफ़ सफ़ाई के लिए एक हज़ार गंगा प्रहरी भी पोस्ट किए जाएंगे.
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एक हज़ार कैमरों से होगी मेला क्षेक्ष की निगरानी
13 सौ करोड़ रुपए ख़र्च कर इलाहाबाद और आस पास की सभी सड़के चौड़ी होंगी. चौबीसों घंटे पीने के पानी की सप्लाई के लिए 5 हज़ार स्टैंड पोस्ट, 2 सौ वाटर एटीएम, 150 वाटर टैंकर और 8 सौ किलोमीटर पाईपलाइन बिछाई जाएगी. ये भी तय हुआ है कि मेला एरिया में सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए एक हज़ार कैमरे लगाए जायेंगे. इलाहाबाद में कुंभ का मेला अगले साल 14 जनवरी से शुरू हो रहा है.