योगी सरकार का दावा यूपी में कम हुआ है अपराध, पुलिस ने जारी किए आकड़े
सरकार का दावा है कि पिछले सात महीनों में हर तरह के अपराध में कमी आई है. यूपी पुलिस ने इस बारे में आंकड़े भी जारी किए हैं. इससे पहले डीजीपी ओ पी सिंह ने सभी जिलों के एसपी के साथ वीडियो कांफ्रेंस से मीटिंग की.
लखनऊ: सीएम योगी आदित्यनाथ ने यूपी के सभी जिलों के एसपी के साथ होने वाली बैठक टाल दी है. अब मीटिंग की नई तारीख़ तय की जायेगी. इसी बीच क़ानून व्यवस्था को लेकर योगी सरकार के लिए एक अच्छी ख़बर आई है. सरकार का दावा है कि पिछले सात महीनों में हर तरह के अपराध में कमी आई है. यूपी पुलिस ने इस बारे में आंकड़े भी जारी किए हैं. इससे पहले डीजीपी ओ पी सिंह ने सभी जिलों के एसपी के साथ वीडियो कांफ्रेंस से मीटिंग की.
आंकड़ों के मुताबिक़ डकैती के मामलों में सबसे अधिक कमी आई है
यूपी पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक़ डकैती के मामलों में सबसे अधिक कमी आई है.पिछले साल के शुरूआती सात महीनों में 151 केस दर्ज किए गए थे. लेकिन इस साल इसी दौरान डकैती की सिर्फ़ 94 घटनायें हुई हैं. इस हिसाब से साल भर में डकैती ते मामले क़रीब 40 प्रतिशत कम हो गए हैं. इस साल इलाहाबाद, लखनऊ और मेरठ समेत कई बड़े शहरों में सनसनीख़ेज़ हत्याकांड हुए हैं. लेकिन फिर भी इस मामले में योगी सरकार के लिए राहत की ख़बर है. पिछले साल 2562 हत्याएं हुई थीं. जबकि इस साल के अगस्त महीने तक का ये आंकड़ा 2505 है. यानी हत्या की घटनायें मामूली 2.2 फ़ीसदी कम हुई हैं. अखिलेश यादव के राज में साल 2016 में तो 2766 हत्याएं हुई थीं.
इस साल बलात्कार के 2444 मामले सामने आए हैं
यूपी में महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध हर सरकार के लिए सरदर्द रही हैं. ख़ास तौर से बलात्कार के मामले. पिछले साल जनवरी से जुलाई महीने तक रेप के 2614 रेप के केस हुए थे. लेकिन इसी दौरान इस साल 2444 बलात्कार के मामले सामने आए हैं. इस हिसाब से रेप की घटनायें क़रीब 7 फ़ीसदी कम हुई हैं. लेकिन दहेज से होने वाली मौत की घटनाओं में मामूली बढ़ोतरी हुई है. लूट के मामले भी योगी राज में कम होने लगे हैं. पिछले साल के मुक़ाबले लूट की घटनायें क़रीब 19 फ़ीसदी कम दर्ज हुई हैं.
पुलिस मुठभेड़ में अब तक 63 कुख्यात अपराधी मारे जा चुके हैं
यूपी का सीएम बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि उनके राज में गुंडे जेल में रहेंगे या फिर उन्हें राज्य छोड़ कर जाना पड़ेगा. योगी के इस एलान के बाद ताबड़तोड़ एनकांउटर शुरू हो गए थे. पुलिस मुठभेड़ में अब तक 63 कुख्यात अपराधी मारे जा चुके हैं. सबसे अधिक एनकांउटर मेरठ मंडल में हुए हैं. यहां के एडीजी प्रशांत कुमार कहते हैं कि नोएडा, शामली से लेकर मेरठ तक अपराधियों के कई गैंग का दबदबा था, लेकिन अब एक तरह से इनका सफ़ाया हो चुका है.
पुलिस के डर से क़रीब दस हज़ार अपराधी अपनी ज़मानत रद्द करा कर जेल में हैं
पुलिस मुठभेड़ में 650 अपराधी घायल हुए हैं. जबकि 3430 ईनामी बदमाश गिरफ़्तार भी किए गए हैं. एनकांउटर में 4 पुलिसवाले भी शहीद हुए. यूपी के डीआईजी क़ानून व्यवस्था प्रवीण कुमार कहते हैं कि अपराधियों के ख़िलाफ़ यूपी पुलिस का अभियान इसी तरह से जारी रहेगा. 14746 अपराधियों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई हुई, जिसमें 173 करोड़ की संपत्ति भी ज़ब्त की गई. पुलिस के डर के मारे क़रीब दस हज़ार अपराधी अपनी ज़मानत रद्द करा कर जेल में हैं.
एंटी रोमियो स्क्वॉड को और मज़बूत करने पर हो रहा है विचार
भूमाफ़ियाओं पर भी लगातार कार्रवाई जारी है. जेल में बंद बाहुबली अतीत अहमद समेत कई लोगों की बेनामी संपत्ति ज़ब्त की जा चुकी है. स्पेशल टास्क फ़ोर्स यानी एसटीएफ़ को इस काम में लगाया गया है. इसके आईजी अमिताभ यश का कहना है कि ज़मीन पर ज़बरन क़ब्ज़ा करने वाले कई गैंग पर हम काम कर रहे हैं. इलाहाबाद, वाराणसी और मेरठ में हम जल्द बड़ी कार्रवाई करने वाले हैं. राज्य ते डीजीपी ओम प्रकाश सिंह ने एंटी रोमियो स्क्वॉड को और मज़बूत करने के लिए कहा है. ये टीम अब तक शहरी इलाक़ों में स्कूल, कॉलेज और सार्वजनिक जगहों पर ही गश्त करती रही है. लेकिन अब इसका विस्तार करने पर विचार हो रहा है.
उन्नाव में बीजेपी विधायक पर रेप का आरोप लगने पर योगी सरकार की किरकिरी हुई थी. बाद में ये मामला सीबीआई को दे दिया गया. एमएलए कुलदीप सेंगर रेप के केस में जेल में बंद हैं. बागपत जेल में माफ़िया डॉन मुन्ना बजरंगी कीहत्या पर बड़ा हंगामा हुआ था. विपक्ष ने लखनऊ से लेकर दिल्ली तक योगी सरकार पर सवाल खड़े किए थे. बीजेपी प्रवक्ता डॉ चंद्रमोहन कहते हैं कि जिनके ज़माने में विधायक की हत्या गवर्नर हाउस के गेट पर हुई थी. क्या वे भी सवाल पूछेंगे ?