लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जनवरी 2019 से मार्च के प्रथम सप्ताह तक होने वाले दुनिया के सबसे बड़े सांस्कृतिक और अध्यात्मिक आयोजन कुंभ में करीब 12 करोड़ लोग आएंगे. प्रयाग में होने वाले इस कुंभ के लिए आगामी दिसम्बर में विश्व के 192 देशों के प्रतिनिधियों एवं अधिकारिगणों को आमंत्रित किया गया है.
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उन्होंने कहा कि कुंभ में इस बार देश के 6 लाख गांवों के कम से कम एक या दो पर्यटकों को लाने की व्यवस्था भारत सरकार के साथ मिलकर की जा रही है.


उन्होंने कहा कि यूपी डोमेस्टिक टूरिस्ट विजिट के मामले में देश में दूसरे स्थान पर और फॉरेन टूरिस्ट विजिट में पूरे देश में तीसरे स्थान पर है. पर्यटन की जो संभावनाएं होनी चाहिए वह सबसे अधिक उत्तर प्रदेश के अंदर मौजूद हैं. लेकिन पर्यटन की दृष्टि से अत्यन्त समृद्ध होने के बाद भी अभी तक यूपी की पूर्ण क्षमता का दोहन नहीं हो पाया है.


उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार में अर्थव्यवस्था के विकास से पर्यटन की गतिविधियां बहुत तेजी से बढ़ रही हैं, जो पर्यटन के विस्तार में महत्वपूर्ण योगदान दे सकती हैं. उत्तर प्रदेश में पर्यटन को विकसित करने और बढ़ाने में यूपी ट्रैवल मार्ट प्रभावी भूमिका निभा सकता है.


मुख्यमंत्री सोमवार को इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में उप्र पर्यटन विभाग और फिक्की के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित 'उत्तर प्रदेश ट्रैवल मार्ट-2018' के उद्घाटन सत्र को सम्बोधित कर रहे थे.






कुंभ के आयोजन के साथ-साथ  होगा प्रवासी भारतीय दिवस का आयोजन 


योगी ने कहा कि कुंभ के आयोजन के साथ-साथ जनवरी 20-23 के बीच वाराणसी में प्रवासी भारतीय दिवस का आयोजन भी किया गया है. इसमें भी करीब 6000 प्रवासी भारतीय हिस्सा लेंगें. इनके माध्यम से विश्व में उत्तर प्रदेश के पर्यटन को एक पहचान मिल सकेगी. योगी ने कहा कि केंद्र सरकार ने जो अपनी पर्यटन से जुड़ी हुई अनेक योजनाएं घोषित की हैं, उनमें उत्तर प्रदेश मुख्य केंद्र बिंदु है. ईको टूरिज्म से जुड़े हुए अनेक स्थान उत्तर प्रदेश में हैं. उन सभी के विकास की योजनाओं पर काम किया जा रहा है.


स्प्रिचुअल और हैरिटेज टूरिज्म के मामले में संपन्न है उत्तर प्रदेश


उन्होंने कहा कि यूपी स्प्रिचुअल टूरिज्म और हैरिटेज टूरिज्म के मामले में भी काफी संपन्न है. आगरा में ही 5 हैरिटेज साइट्स हैं, जिन्हें यूनेस्को ने चिह्न्ति किया है। उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक पर्यटन सर्किटों जैसे राम सर्किट, कृष्ण सर्किट, बुद्ध सर्किट आदि का विकास करके इनकी अवस्थापना सुविधाएं और बेहतर की जाएंगी. इसके अलावा पर्यटकों की सुविधा के लिए मथुरा, वृंदावन, अयोध्या, प्रयाग, विंध्याचल, नैमिषारण्य, चित्रकूट, कुशीनगर और वाराणसी आदि में पर्यटन सुविधाओं का विकास किया जाएगा.


उन्होंने कहा कि प्रदेश में बड़ी संख्या में मौजूद बौद्ध धर्म स्थलों का विकास किया जाएगा, ताकि बौद्ध अनुयायियों के अलावा अन्य पर्यटक भी इन स्थलों की ओर आकर्षित हो सकें. योगी ने कहा कि प्रदेश में अनेक वन्यजीव अभयारण्य भी मौजूद हैं, जहां बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं. बुंदेलखंड क्षेत्र में भी पर्यटन की असीम सम्भावनाएं हैं. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सुरक्षा की दृष्टि से आज देश में सबसे सुरक्षित स्थल बन रहा है, जो पर्यटन के लिए सबसे आवश्यक है. अब तो यहां की आवागमन की स्थिति भी काफी सुधरी है.


उन्होंने कहा कि लखनऊ, वाराणसी, इलाहाबाद, गोरखपुर और कानपुर प्रदेश और देश की राजधानी से वायुमार्ग से जुड़े हुए हैं.अब कुशीनगर और जेवर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाने की तैयारी हो रही है. आने वाले समय में बरेली, मुरादाबाद, अलीगढ़ और आजमगढ़ जैसे जनपदों को भी वायुमार्ग से जोड़ा जाएगा.