गोरखपुर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहले यूपी के गन्ना किसानों को सब्जी उगाने की नसीहत दी थी. उन्होंने कहा था कि गन्ना किसान सब्जी उगाएं. क्योंकि ज्यादा चीनी के सेवन से लोग शुगर की बीमारी के शिकार हो रहे हैं. उनके इस बयान पर विपक्ष ने भी जमकर निशाना साधा था. लेकिन, इस नसीहत के पीछे एक बड़ी वजह भी थी. गन्ना की खेती के क्षेत्रफल और उत्पादन बढ़ने के बावजूद राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार में चीनी का उचित मूल्य नहीं रहा था. इसलिए योगी सरकार ने गन्ना की जगह सब्जी और विविध तरह की खेती की सलाह दी थी. मिल मालिकों और किसानों की समस्या को ध्यान में रखते हुए योगी सरकार ने चीनी उद्योग को 5,535 करोड़ रुपए की मदद देने का एलान किया है.


यूपी सरकार ने चीनी के अत्यधिक उत्पादन और अंतरराष्ट्रीय बाजार में चीनी के मूल्य में आई गिरावट के असर से चीनी उद्योग को राहत देने का फैसला किया है. सरकार ने चीनी मिलों को प्रति क्विंटल खरीद पर 4.50 पैसे का अनुदान करेगी. इसके साथ ही 4000 करोड़ रुपये का ऋण भी प्रदान करेगी. इससे गन्ना किसानों को समय से भुगतान मिलेगा और वे अगली फसल समय पर उगा सकेंगे.


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि मौजूदा पेराई सत्र में रिकार्ड चीनी उत्पादन हुआ है. किसानों को सारा गन्ना पिराई करने के लिए चीनी मिले भी रिकार्ड समय तक संचालित हुई हैं.


इसके बावजूद मिलों की उत्पादन लागत के मुताबिक स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार में चीनी की कीमत नहीं मिल पा रही है. यही वजह है कि सरकार ने अनुपूरक बजट में ही 5,535 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित कर दी थी. उन्होंने कहा कि कैबिनेट की बैठक में इस पर जल्द निर्णय लिया जाएगा.


सीएम योगी आदित्यनाथ ने बताया कि गन्ना के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर इस तरह 4.50 रुपए का अनुदान देने वाला उत्तर प्रदेश पहला राज्य होगा. इससे प्रदेश के खजाने पर 500 करोड़ रुपए का बोझ बढ़ जाएगा.


2017-18 में न्यूनतम गन्ना समर्थन मूल्य 325, 315 और 310 रुपये प्रति क्विंटल था. सीएम योगी आदित्यनाथ ने बताया कि चीनी मिलों को 4,000 करोड़ रुपये का साफ्ट लोन भी 5 वर्ष की अवधि के लिए 5 फीसदी ब्याज पर दिया जाएगा. इस राशि से तत्काल चीनी मिलें किसानों के बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान करेंगी. शेष बकाया धनराशि के लिए चीनी मिलों से कहा जाएगा कि वे 15 अक्टूबर से पहले भुगतान करें.


योगी आदित्यनाथ ने कहा कि फेडरेशन और सहकारिता क्षेत्र की चीनी मिलों के बकाया गन्ना मूल्य भुगतान के लिए 850 करोड़ रुपए की धनराशि दी जाएगी. गन्ना मूल्य अनुदान और साफ्ट लोन के रूप में मिलने वाली धनराशि की राशि हर जनपद में जिला गन्ना अधिकारी और मिल की साझीदारी में खुले एस्क्रो एकाऊंट में भेजी जाएगी.


जहां से किसान के बैंक खाते में प्रति क्विंटल गन्ना मूल्य भुगतान के बकाया भुगतान दिया जाएगा. जिन चीनी मिल मालिकों ने जिन किसानों का गन्ना मूल्य का भुगतान कर दिया है, अनुदान की राशि चीनी मिल मालिकों को प्रदान कर दी जाएगी.