लखनऊ: वाराणसी में बाइक पर सवारी के बाद योगी आदित्यनाथ हेलिकाप्टर पर सवार होकर चुनाव प्रचार में जुट जायेंगे. पीएम नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में सीएम योगी बीजेपी की बाइक रैली की अगुवाई करेंगे. ये कार्यक्रम 17 नवंबर को है. अगले ही दिन वे चुनाव प्रचार के लिए छत्तीसगढ़ रवाना हो जायेंगे. जहां वे पहले ही कई रैलियां कर चुके हैं. जसपुर में योगी ने सोनिया गांधी का नाम लिए बिना ही धर्म परिवर्तन के लिए ‘इटली के सौदागरों’ को ज़िम्मेदार ठहराया था. इससे पहले एक चुनावी सभी में योगी ने कहा कि जो पार्टी राम के लिए नहीं वो किसी के काम की नहीं हो सकती है. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह का नामांकन कराने के लिए भी यूपी के सीएम वहां गए थे. रमन ने तो दो-दो बार योगी के पैर छू कर उनके आशीर्वाद लिए. अब तक वे यहां 26 चुनावी सभाएं कर चुके हैं.


बीजेपी के स्टार प्रचारक बन गए हैं योगी आदित्यनाथ


बीजेपी के स्टार प्रचारक के रूप में योगी की डिमांड पीएम नरेन्द्र मोदी के बाद सबसे अधिक है. अब वे मध्य प्रदेश और राजस्थान के तूफ़ानी चुनावी दौरे पर निकलने वाले हैं. योगी की सन्यासी जैसी वेश भूषा और हिंदूवादी छवि लोगों को अपील कर रही है. गुजरात से लेकर त्रिपुरा और कर्नाटक के चुनाव में भी योगी का जादू ख़ूब चला.


एमपी, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिज़ोरम के चुनाव प्रचार में योगी आदित्यनाथ रैलियों की सेंचुरी लगाने वाले हैं. पीएम नरेन्द्र मोदी की व्यस्तताओं के कारण अब वे बीजेपी के सबसे बड़े स्टार प्रचारक बन गए हैं. 19 नवंबर से योगी एमपी के दौरे पर निकल रहे हैं. जहां बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर है. सीएम शिवराज सिंह चौहान के नर्मदा यात्रा में भी योगी एक दिन उनके साथ रहे थे. ख़बर है कि शिवराज के बाद सबसे अधिक चुनावी सभायें योगी की हैं.


बीजेपी को पीएम मोदी के बाद सबसे अधिक उम्मीदें सीएम योगी से 


एससी-एसटी एक्ट में संशोधन को लेकर अगड़ी जाती के लोग बीजेपी से नाराज़ हैं. पार्टी को लगता है कि योगी की छवि और उनके तेवर इस नाराज़गी को कम कर सकता है. एमपी में विधानसभा की सभी 230 सीटों पर 28 नवंबर को मतदान होगा. 26 तारीख़ से योगी आदित्यनाथ राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार पर निकलेंगे. लगातार चार दिनों तक उनकी राज्य में धुंआधार प्रचार करने की योजना है. यहां कांग्रेस के मुक़ाबले बीजेपी की हालत कमजोर होती जा रही है. वसुंधरा राजे सिंधिया की सरकार से लोग नाराज़ बताए जाते हैं. वैसे भी राजस्थान में हर 5 साल के बाद सरकार बदल जाने का चलन रहा है. चुनावी सर्वेक्षणों ने पार्टी नेताओं की धड़कनें बढ़ा दी हैं. बीजेपी को पीएम मोदी के बाद सबसे अधिक सीएम योगी से ही उम्मीदें हैं. राजस्थान से लगातार योगी की रैली की डिमांड बढ़ती जा रही है.


योगी राष्ट्रीय स्तर पर एक बड़े नेता बन कर उभरे हैं


तेलंगाना में बीजेपी का बहुत कुछ दांव पर नहीं है. लेकिन यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वहां भी 2 दिसंबर को चुनाव प्रचार के लिए जा रहे हैं. टीआरएस से मुक़ाबले के लिए तेलुगु देशम ने कांग्रेस से गठबंधन किया है. मिज़ोरम के विधानसभा चुनाव में भी योगी दौरा करेंगे. यूपी का सीएम बनने के बाद से ही योगी राष्ट्रीय स्तर पर एक बड़े नेता बन कर उभरे हैं. वे गोरक्ष पीठ के महंत और नाथ संप्रदाय के अगुआ दोनों हैं. इस संप्रदाय के अनुयायी हरियाणा, कर्नाटक से लेकर गुजरात तक फैले हुए हैं. त्रिपुरा के चुनाव में योगी के कारण नाथ संप्रदाय के लाखों लोगों ने बीजेपी के लिए वोट किया.


अयोध्या में भव्य दीपावली मनाने पर भी योगी सरकार की ख़ूब चर्चा रही


योगी आदित्यनाथ के हाल के फ़ैसलों ने उनकी हिंदूवादी छवि को और मज़बूत किया है. इलाहाबाद को प्रयागराज और फ़ैज़ाबाद को अयोध्या बनाने पर भले ही विपक्ष उनका विरोध करे लेकिन उनके समर्थक इन फ़ैसलों से गदगद हैं. अयोध्या में भव्य दीपावली मनाने पर भी योगी सरकार की ख़ूब चर्चा रही. योगी भी अपनी चुनावी सभाओं में अपनी पसंद के मुद्दे उठाते हैं. राम मंदिर से लेकर धर्म परिवर्तन के बहाने वे कांग्रेस को घेरने में जुटे हैं. चुनावी मौसम में सबसे अधिक चर्चा ब्रांड योगी की हो रही है.