नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से बीजीपी के सांसद महंथ आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री का दावेदार माना जा रहा है, लेकिन पार्टी ने प्रदेश चुनाव समिति की लिस्ट में इऩका नाम भी नहीं रखा है.


समर्थक अपने सांसद आदित्यनाथ को सीएम बनाने की मुहिम में लगे हैं, लेकिन पार्टी में ही आदित्यनाथ का मामला गड़बड़ाया हुआ लग रहा है. खबर ये है कि गोरखपुर के सांसद आदित्यनाथ को राज्य चुनाव कमेटी में जगह नहीं मिली है.


प्रदेश अध्यक्ष ने 27 सदस्यों की प्रदेश चुनाव कमेटी बनाई है. इस कमेटी में राजनाथ सिंह लेकर कलराज मिश्र जैसे केंद्रीय मंत्री शामिल हैं. कमेटी में दूसरी पार्टियों से आने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य, रीता बहुगुणा भी हैं.


इतना ही नहीं पूर्वांचल में आदित्यनाथ के विरोधी माने जाने वाले कई नेताओं को भी शामिल किया गया है. लेकिन राज्य में सीएम पद के दावेदार के रूप में देखे जा रहे सांसद आदित्यनाथ को ही जगह नहीं दी गई है. वैसे खुद महंथ आदित्यनाथ इस लिस्ट को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं.


महंथ जी जो भी कहें लेकिन सच्चाई तो यही है कि समर्थक योगी बाबा को सीएम बनाने का सपना पाले हुए हैं. चुनाव से पहले योगी बाबा के नाम को लेकर नए नए गीत बनाए जा रहे हैं, लेकिन बाबा को चुनाव के मौके पर ही चुनाव की कमेटी से ही काट दिया गया है.


बताया जा रहा है कि पहले लिस्ट में उमा भारती का नाम भी नहीं था, लेकिन बाद में इस लिस्ट में उमा भारती का नाम जोड़ा गया. सूत्र बता रहे हैं कि इसके बाद आदित्यनाथ ने अपनी नाराजगी नेतृत्व के सामने रख दी है.


बता दें कि महंथ आदित्यनाथ पूर्वांचल में बीजेपी के सबसे बड़े चेहरे हैं. गोरखनाथ मंदिर के महंथ हैं और 1998 से लगातार चुनाव जीतते आ रहे हैं. कहीं ऐसा तो नहीं कि पार्टी इस चुनाव में अपने भगवा चेहरों से किनारा करने की तैयारी कर रही है.