गोरखपुर: लॉकडाउन के बीच योगी आदित्यनाथ गोरखपुर पहुंच गए हैं. मुख्यमंत्री बनने से पहले वे यहां से 5 बार सांसद रहे हैं. आते ही उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठक की. बाहर से आ रहे मज़दूरों के बारे में पूछा. लोगों को राशन मिल पा रहा है या नहीं? दवा से लेकर अस्पताल के बेड के बारे में जानकारी ली. फिर योगी अपने एजेंडे पर आ गए.
उनकी योजना गोरखपुर को एक सुंदर शहर बनाने की है. इसके लिए सड़कें चौड़ी की जा रही हैं. कई ऐसी दुकानें हैं जिन्हें गिराए बिना ये काम नहीं हो सकता है. लेकिन कई दुकानदार ऐसा करने को तैयार नहीं. लॉकडाउन के कारण डेढ़ महीने तक वैसे भी काम बंद था. जब बात नहीं बनी तो योगी ने इसका भी उपाय ढूंढ निकाला. उन्होंने शुरूआत अपने घर से की. गोरखनाथ मंदिर परिसर की कुछ दुकानें तोड़ दी गईं. ऐसा करने का आदेश योगी ने दिया. लेकिन मुख्यमंत्री होने के नाते नहीं, बल्कि महंत के रूप में. योगी आदित्यनाथ गोरक्ष पीठ के महंत भी हैं. योगी के इस काम की इन दिनों बड़ी चर्चा है.
गोरखनाथ मंदिर के पास बनी दुकानों के टूटने का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है. क़रीब दो दर्जन दुकानें सड़क के लिए गिरा दी गई हैं. मंदिर के बग़ल से फ़ोर लेन सड़क निकल रही है. पहले जो रोड थी, उसे ही चौड़ा कर फ़ोर लेन करने की योजना है. लॉकडाउन के कारण ये काम बंद था. लेकिन चौथे चरण के लॉकडाउन के बाद ये काम फिर शुरू हो गया है.
गोरखनाथ मंदिर के बग़ल से ये सड़क महाराजगंज होते हुए नेपाल के पास सोनॉली बॉर्डर तक जाएगी, जिस पर क़रीब 946 करोड़ रूपये खर्च होंगे. इसके लिए गोरखपुर शहर की कई दुकानों को तोड़ने की ज़रूरत है. इलाक़े के विकास के लिए योगी ने गोरखनाथ मंदिर की दुकान गिरा कर पहल कर दी है. मुख्यमंत्री ने लोगों से खुद ही अपनी दुकानें तुड़वा देने की अपील की है.
अगले दो दिनों तक योगी आदित्यनाथ गोरखपुर में ही रहेंगे. लॉकडाउन के बाद ये उनका पहला दौरा है. अब तक वे लखनऊ में रह कर ही लगातार बैठकें कर रहे थे. जनता कर्फ़्यू के दिन वे यहीं थे. यहां रह कर आस पास के ज़िलों में चल रहे काम काज की समीक्षा करेंगे. बाहर से आ रहे मज़दूरों के कारण यूपी के पूर्वांचल में कोरोना के केस लगातार बढ़ते जा रहे हैं.