(Source: Poll of Polls)
कानून व्यवस्था पर प्रश्न खड़े करने वालों को हुआ है दृष्टिदोष : योगी आदित्यनाथ
योगी आदित्यनाथ ने कहा, 'प्रदेश की आज की कानून व्यवस्था पर जो प्रश्न खड़ा कर रहा है. मुझे लगता है कि उसे किसी नयी दृष्टि की आवश्यकता है. इसे हम दृष्टिदोष कह सकते हैं.'
लखनऊ: कानून व्यवस्था को लेकर अकसर विपक्ष के निशाने पर रहने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पलटवार करते हुए कहा कि कानून व्यवस्था पर प्रश्न खड़े करने वालों को 'दृष्टिदोष' हो गया है. योगी ने कहा, 'प्रदेश की आज की कानून व्यवस्था पर जो प्रश्न खड़ा कर रहा है. मुझे लगता है कि उसे किसी नयी दृष्टि की आवश्यकता है. इसे हम दृष्टिदोष कह सकते हैं.' उन्होंने कहा, '16 महीने में उत्तर प्रदेश में एक भी दंगा नहीं हुआ. प्रदेश में आज निवेश आ रहा है. फरवरी में इन्वेस्टर्स समिट किया था. पहले लोग हंसते थे क्योंकि प्रदेश की ऐसी तस्वीर बना दी गयी थी कि उत्तर प्रदेश में अराजकता और गुंडागर्दी है. आज देश और दुनिया का हर उद्योगपति उत्तर प्रदेश में निवेश का इच्छुक दिखायी दे रहा है.'
एसपी-बीएसपी और कांग्रेस के बीच तालमेल के प्रयासों पर योगी ने कटाक्ष किया, 'उत्तर प्रदेश में नया चिपको आंदोलन चल रहा है. बीएसपी कहती है कि सपा से उसकी दूरी है. पता नहीं कितनी दूरी है.' मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर पर असम सरकार की पहल सार्थक है. हम शरणार्थियों को सम्मान दें. हर तरह की सुविधा दें. ये भारत की नीति रही है लेकिन घुसपैठिये के रूप में आकर जो भारत के वंचितों, गरीबों और नागरिकों के हितों पर डकैती डालने का प्रयास कर रहे हैं, उन्हें इस तरह की छूट नहीं दी जा सकती है.
उन्होंने कहा कि दलितों के साथ 15 वर्ष तक एसपी-बीएसपी सरकारों ने अन्याय किया. शासन की योजनाओं से वंचित किया.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और उनकी मां सोनिया गांधी के लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों अमेठी और रायबरेली का उल्लेख करते हुए योगी ने कहा, 'अमेठी और रायबरेली की स्थिति क्या थी हर कोई जानता है. वहां जिला मुख्यालय नहीं था, मुख्य चिकित्साधिकारी का कार्यालय नहीं था. रायबरेली में एम्स की घोषणा कब की हो गयी थी लेकिन उसे युद्धस्तर पर हमने पूरा किया. वहां हम ओपीडी का कार्य शुरू कर चुके हैं. वृहद स्तर पर इसे शुरू करने की दिशा में कदम उठा रहे हैं. गोरखपुर एम्स के लिए भी कार्य युद्धस्तर पर चला है. जमीन की औपचारिकता हमारी सरकार आने के बाद पूरी हो पायी.’’ योगी ने विपक्ष की नामौजूदगी में अपना भाषण किया. उन्होंने कहा कि सदन चर्चा का मंच बनना चाहिए. प्रदेश से जुड़ी हर योजना पर यहां चर्चा होनी चाहिए. प्रदेश के विकास के बारे में सत्ता पक्ष-विपक्ष को मिलकर आगे बढ़ना चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘‘'लेकिन जब विकास किया हो तो विकास में रूचि हो. यहां केवल अपने महलों को बनाने में लोगों को रूचि रही है. खुद का घर बन जाए, किसी और का बने या ना बने इसीलिए प्रधानमंत्री आवास योजना प्रदेश में लागू नहीं करने दी गयी थी. ये किसी से छिपा नहीं है. इसलिए इस खिसियाहट को मिटाने के लिए सदन से वाकआउट का बहाना करते हैं. सदन की कार्यवाही बाधित करते हैं. कहीं ना कहीं ये दिखाने का प्रयास करते हैं कि हम इस विकास और सुरक्षा के नये माहौल को कहीं ना कहीं बाधित करना चाहते हैं.
कुंभ मेले के बारे में योगी ने कहा, '‘प्रयास होना चाहिए कि प्रदेश की 60 हजार ग्राम पंचायतें कुंभ से जुड़ें. हर गांव के कुछ ना कुछ लोग कुंभ में अवश्य आयें. तैयारी युद्धस्तर पर चल रही है. दुनिया के 192 देशों, देश के छह लाख गांवों, हर जाति मत पंथ संप्रदाय के धर्माचार्यों, रंगकर्मी संस्कृतिकर्मी, कलाकारों को आमंत्रित कर रहे हैं.’’ मुख्यमंत्री के जवाब के बाद सदन ने अनुपूरक बजट और इससे जुडे विनियोग विधेयक को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी.