लखनऊ: महिलाओं के मामलों के निस्तारण के लिए विशेष अदालतें बनाने के साथ-साथ उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने पर्यावरण प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिहाज से भी अहम फैसले लिए हैं. सोमवार को हुई कैबिनेट की बैठक में यूपी के 14 शहरों में इलेक्ट्रिक बसें चलाने का प्रस्ताव पास हुआ है. साथ ही यह भी तय किया गया कि एक पेड़ काटने की अनुमति उसी को मिलेगी, जो पहले दस पेड़ लगाएगा.
प्रदूषण पर काबू के लिए यूपी के 14 शहरों में इलेक्ट्रिक बसें चलाने के संबंध में कैबिनेट से एक प्रस्ताव पास हुआ है. पूरी योजना पीपीपी मॉडल पर आधारित है. इन बसों के चलाने पर सालाना ढाई सौ करोड़ रुपए खर्च होगा. इसमें से 120 करोड़ रुपए टिकट से आमदनी होगी और 130 करोड़ रुपए राज्य सरकार सब्सिडी देगी. जिन शहरों में इन बसों का संचालन किया जाएगा उनमें लखनऊ, मेरठ, प्रयागराज, आगरा, गाजियाबाद, मुरादाबाद, गोरखपुर, अलीगढ़, झांसी, बरेली, शाहजहांपुर, मथुरा और वृंदावन का नाम शामिल है. पर्यावरण को बेहतर बनाने के लिहाज से एक और महत्वपूर्ण फैसला कैबिनेट से पास किया गया. इसके तहत आम, देसी नीम, साल, महुआ जैसे पर्यावरण के लिए आवश्यक 29 वृक्षों को काटने की अनुमति तभी मिलेगी, जब 10 पेड़ लगाएंगे. अगर आप के पास अपनी भूमि नहीं है तो दस पेड़ वन विभाग की भूमि पर लगाने होंगे.
एक अन्य फैसले में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को बलिया से जोड़ने के लिए बलिया लिंक एक्सप्रेस-वे बनाने को लेकर कैबिनेट के समक्ष रखा गया, जिसे सर्वसम्मति से पास किया गया. इसके लिए डीपीआर बनाने में एक करोड़ का खर्च आएगा. ये लिंक रोड 35 से 40 किलोमीटर लंबी होगी. करीब छह महीने के अंदर डीपीआर तैयार किया जाएगा. इस योजना में 40 करोड़ रुपए प्रति किलोमीटर के हिसाब से करीब 1600 करोड़ रुपए का कुल खर्च आएगा. कैबिनेट ने अयोध्या, गोरखपुर और फिरोजाबाद के शहरों के विस्तारीकरण से संबंधित एक अन्य प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है. इसके तहत अयोध्या के शहरी इलाके में 41 गांव शामिल किए जाएंगे. वहीं गोरखपुर नगर निगम में 31 गांव शामिल होंगे. महात्मा बुद्ध की नगरी कुशीनगर नगरपालिका का भी विस्तार होगा. इसमें 31 गांव शामिल किये जायेंगे.
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