लखनऊ: उत्तर प्रदेश की पुलिस ने अब नया प्रयोग करने का फैसला किया है. शुरुआत में इसे बड़े पुलिस थानों में ही लागू किया जाएगा. अब थानेदारों के साथ-साथ तीन एडिशनल थानेदार भी तैनात किये जायेंगे.
इनके पास अलग-अलग जिम्मेदारी होगी. पहले एडिशनल थाना प्रभारी प्रशासन का काम देखेंगे. दूसरे पुलिस अफसर के पास क्राईम के मामले देखने की जिम्मेदारी होगी. जबकि तीसरे अतिरिक्त थाना प्रभारी क़ानून व्यवस्था का काम देखेंगे.
थानेदार और एडिशनल थानेदार इंस्पेक्टर रैंक के पुलिस अधिकारी होंगे. जो सबसे सीनियर होगा, उसे थाना प्रभारी बनाया जाएगा. यूपी में थानेदारों को एसएचओ यानी स्टेशन हाऊस ऑफिसर कहा जाता है.
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यूपी में थाने के पुलिसवाले काम के बोझ से परेशान रहते हैं. अपराध के केस सुलझाने से लेकर वीआईपी ड्यूटी और क़ानून व्यवस्था सब उन्हें ही देखना पड़ता है. इन्हें साप्ताहिक छुट्टी तक नहीं मिलती है. थाने में पुलिस वालों का काम बांटने का आयडिया डीजीपी ओपी सिंह का है.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी इसे मान लिया. यूपी में 1568 पुलिस थाने हैं. लेकिन इस नए नियम को 414 थानों में ही लागू किया जाएगा. इन पुलिस थानों में एडिशनल इंस्पेक्टर क्राइम और एडिशनल लॉ एंड ऑर्डर के नए पद बनाये जा रहे हैं.