लखनऊ: यूपी में क़ानून व्यवस्था कैसे ठीक हो ? इसके लिए योगी सरकार ने अब मकोका की तरह एक कड़ा क़ानून लाने का मन बनाया है. इसका नाम यूपीकोका होगा. इस क़ानून में 25 लाख रुपए तक के जुर्माने से लेकर मौत की सजा तक हो सकती है.
'अब यहां गुंडों के लिए कोई जगह नहीं है, वे यूपी छोड़ दें'
क्या करें ? कैसे करें ? यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सब जतन कर लिए, लेकिन क़ानून व्यवस्था की हालत जस की तस है. कहीं मर्डर तो कहीं रेप और कहीं दंगे. सीएम बनने के कुछ ही दिनों बाद गोरखपुर में योगी ने कहा था, "अब यहां गुंडों के लिए कोई जगह नहीं है, वे यूपी छोड़ दें." इस बात के करीब तीन महीने हो गए लेकिन अपराधी फूल फॉर्म में हैं.
सीएम योगी के पास है यूपीकोका की फाइल
अब अपराधियों को सबक सीखाने के लिए योगी सरकार एक ब्रह्मास्त्र लेकर आ रही है. महाराष्ट्र के मकोका की तरह उत्तर प्रदेश में यूपीकोका पर काम जारी है. यूपी कंट्रोल ऑफ़ ऑर्गेनाईज्ड क्राईम ऐक्ट की फाईल सीएम के पास है. इसे यूपी विधानसभा में पास कराने के बाद राष्ट्रपति की भी मंजूरी लेनी होगी.
उम्रकैद और फांसी तक की सजा
इस क़ानून में जिसके खिलाफ केस होगा उस पर 5 से लेकर 25 लाख रुपए तक का जुर्माना हो सकता है. साथ ही तीन साल से लेकर उम्रकैद और फांसी तक की सजा हो सकती है. ऐसे मामलों के निपटारे के लिए स्पेशल कोर्ट का गठन होगा.
क्राइम पर लगाम लगाने के लिए लाया गया था मकोका
जब मुंबई अंडरवर्ल्ड के खौफ से जूझ रहा था, क्राइम पर लगाम लगाने के लिए 1991 में महाराष्ट्र में नया क़ानून बनाया गया. उस कानून को नाम दिया गया मकोका यानी महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ़ ऑर्गनाईज्ड क्राईम ऐक्ट. साल 2002 में दिल्ली सरकार ने भी इसे लागू कर दिया.
लॉ एंड ऑर्डर के मोर्चे पर फेल योगी सरकार
अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर इतने कड़े क़ानून की क्या जरुरत ? करीब 90 दिनों की योगी सरकार लॉ एंड ऑर्डर के मोर्चे पर अब तक फेल ही रही है. ऐसा हम नहीं डीजीपी ऑफिस से मिले क्राइम के आंकड़े बताते है.
आपको बता दें कि क्राइम के ये आंकड़े 16 मार्च 2017 से 31 मई 2017 तक के हैं.
हैरान और परेशान करने वाले हैं रेप के मामले
ह्त्या को छोड़ कर योगी राज में हर तरह के अपराध बढे हैं. बलात्कार के बढ़ते मामले तो हैरान और परेशान करने वाले हैं. जिस क़ानून व्यवस्था को लेकर बीजेपी के नेता अखिलेश सरकार को पानी पी कर कोसते थे, वे अब यूपी की जनता से क्या कहें ?
ना तो चरित्र बदल पाए और ना ही चेहरा
लॉ एंड ऑर्डर के लिए डीजीपी से लेकर थानों के दारोगा तक बदल दिए गए. लेकिन सीएम की शपथ लेते ही लखनऊ में हज़रतगंज थाने का दौरा करने वाले योगी आदित्यनाथ अब तक ना तो यूपी पुलिस का चरित्र बदल पाए है और ना ही चेहरा.