फर्जी शिक्षकों पर कसा शिकंजा, 900 करोड़ रुपये वसूलेगी योगी सरकार
पहले चरण में करीब 1427 ऐसे शिक्षक हैं जिनसे वेतन की रिकवरी के निर्देश दिए गए हैं. सूत्रों की माने तो फर्जी शिक्षकों से करीब 900 करोड़ रुपया वसूला जाएगा.
लखनऊ, शैलेश अरोड़ा. यूपी में फर्जी शिक्षकों को लेकर योगी सरकार किसी तरह की ढील देने के मूड में नहीं है. सरकार ने फर्जी शिक्षकों पर केस दर्ज कराने के साथ ही उनसे वेतन रिकवरी के निर्देश दिए हैं. इसे लेकर 3 जुलाई तक सभी बीएसए को अपनी रिपोर्ट बेसिक शिक्षा निदेशालय को भेजनी है. जो अधिकारी फर्जी शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई में ढिलाई करेंगे अब विभाग उन अधिकारियों पर कार्रवाई करेगा.
पहले चरण में करीब 1427 ऐसे शिक्षक हैं जिनसे वेतन की रिकवरी के निर्देश दिए गए हैं. सूत्रों की माने तो फर्जी शिक्षकों से करीब 900 करोड़ रुपया वसूला जाएगा.
डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा के बीएड सत्र 2004-05 में फर्जी और टेम्पर्ड डिग्री का इस्तेमाल करने वाले 2823 फर्जी अभ्यर्थियों में से चिन्हित शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे. इन शिक्षकों पर केस दर्ज कराने के साथ ही रिकवरी सर्टिफिकेट जारी कर वेतन वसूली के निर्देश दिए गए थे.
29 और 30 जून को अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा ने जब मंडलवार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से समीक्षा बैठक की, तो कई बीएसए ने बताया कि खंड शिक्षा अधिकारियों के स्तर से इसमें अपेक्षित कार्रवाई नहीं की जा रही.
इसे लेकर निदेशक बेसिक शिक्षा ने सभी बीएसए को निर्देश दिए हैं कि सभी खंड शिक्षा अधिकारी तत्काल केस दर्ज कराएं. ऐसा ना होने पर सख्त कार्रवाई भी की जा सकती है. सभी बीएसए को एफआईआर और जारी किये गए रिकवरी सर्टिफिकेट की कॉपी 3 जुलाई तक बेसिक शिक्षा निदेशालय को भेजनी है.
बतादें कि एक शिक्षक से औसतन 60 लाख रुपये की वसूली का अनुमान है. ऐसे में 850 से 900 करोड़ के बीच वेतन की वसूली होगी. एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर अब तक 930 फर्जीवाड़ा करने वाले शिक्षक बर्खास्त किये जा चुके हैं. वहीं, फर्जीवाड़ा करने वाले 497 शिक्षकों पर कार्रवाई चल रही है.
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