लखनऊ: उत्तर प्रदेश में लौट रहे प्रवासी श्रमिकों के लिए योगी सरकार कई योजनाओं पर काम कर रही है. योगी सरकार ने हाल ही में श्रमिकों के लिए माइग्रेशन कमीशन का गठन किया है. अब सरकार की कोशिश है कि इन श्रमिकों को बड़े शहरों में किफायती आवास किराए पर उपलब्ध कराया जाए.


बता दें कि सोमवार को मुख्यमंत्री आवास पर सीएम योगी ने केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग कॉम्प्लेक्स स्कीम का प्रेजेंटेशन भी देखा था. केंद्र सरकार की स्कीम से मलिन बस्तियों, अवैध कॉलोनियों की समस्या का समाधान होगा और साथ ही जो प्रवासी श्रमिक बड़े शहरों में काम की तलाश में आते हैं उनकी रहने की समस्या भी खत्म होगी. एक बैठक में सीएम ने साफ कहै कि अर्थव्यवस्था में श्रमिकों व कामगारों की महत्वपूर्ण भूमिका है. इन लोगों के लए किफायती किराये पर आवास उपलब्ध होने चाहिए इसके लिए जल्द से जल्द जमीन को भी चिन्हित कर लिया जाए.


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ऐसा होगा अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग कॉम्प्लेक्स 
अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग कॉम्प्लेक्स स्कीम में ग्राउंड फ्लोर पर दुकानें बनेंगी, जबकि फर्स्ट, सेकंड और थर्ड फ्लोर पर प्रवासी श्रमिकों के रहने का बंदोबस्त होगा. श्रमिकों के लिए यहां सरकार की तरफ से किराया तय किया जाएगा. बतादें कि उत्तर प्रदेश में अभी 45 लाख के आसपास श्रमिक पहले से काम कर रहे हैं, जबकि 25 लाख श्रमिक कोरोना काल में यूपी लौटे हैं. सूत्रों की माने तो मुख्यमंत्री को यह प्रेजेंटेशन इतना पसंद नहीं आया और उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि प्रेजेंटेशन को और बेहतर बना कर दोबारा उनके सामने प्रस्तुत किया.


इसके अलावा योगी सरकार की कोशिश है कि पटरी दुकानदारों को सस्ते दर पर दुकानें भी उपलब्ध कराई जाए. इसके लिए संबंधित अधिकारियों को आदेश भी दे दिए गए हैं.