लखनऊ: उत्तर प्रदेश में लॉ एंड ऑर्डर चुस्त-दुरुस्त करने के लिए नोडल अफसर तैनात किए गए हैं. योगी सरकार ने सभी 75 जिलों में सीनियर आईपीएस अधिकारियों को ये जिम्मेदारी दी है. गृह विभाग ने आज ये लिस्ट जारी की. राज्य के अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने इस फैसले की जानकारी दी है.
प्रभारी मंत्रियों के फॉर्मूले पर नोडल पुलिस अफसरों को ड्यूटी दी गई है. कई राज्यों में प्रभारी मंत्री का मॉडल है. जिसमें एक मंत्री को एक या दो जिलों की जिम्मेदारी दी जाती है. वे वहां के विकास काम की निगरानी करते हैं. महाराष्ट्र में ऐसे मंत्रियों को पालक मंत्री कहते हैं.
यूपी का मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही कानून व्यवस्था योगी आदित्यनाथ के पहले एजेंडे पर रहा है. वे अपने हर भाषण में इसका दावा करते हैं पुलिस को अपराधियों के एनकांउटर के लिए उन्होंने खुली छूट दे रखी है. इसे ठोंको नीति कहा जाता है. अब उन्होंने सभी 75 जिलों में नोडल पुलिस अफसर पोस्ट कर दिए हैं. डीआईजी और उससे ऊपर के आईपीएस अधिकारियों को ही ये जिम्मेदारी दी गई है. जो अफसर अपने अपने इलाके के एडीजी, आईजी या फिर डीआईजी हैं. उन्हें उनके ही जोन या रेंज के किसी जिले का काम दिया गया है.
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डीजी रैंक के पुलिस अधिकारियों को भी नोडल अफसर बनाया गया है. जैसे जेल के महानिदेशक आनंद कुमार को आगरा का प्रभारी बनाया गया है. एडीजी आदित्य मिश्र को मेरठ और डी के ठाकुर को गोरखपुर की जिम्मेदारी दी गई है. योगी आदित्यनाथ का गृह जिला गोरखपुर है. पहली बार यूपी में नोडल पुलिस अधिकारियों की व्यवस्था लागू की गई है. इससे पहले आईएएस अधिकारियों को भी विकास काम के लिए नोडल अफसर बनाए जाने की परंपरा रही है.