लखनऊ: गोरखपुर और फूलपुर उपचुनाव में करारी हार के बाद योगी सरकार एक्शन में आती दिख रही है. जहां एक ओर हार के बाद शुक्रवार को 37 अफसरों का तबादला कर दिया गया था वहीं दूसरी ओर योगी आदित्यनाथ ने सरकार के कामकाज की समीक्षा शुरू कर दी है. बताया जा रहा है कि कई विभागों में काम नहीं हो रहा है जिसे लेकर योगी आदित्यनाथ बेहद खफा हैं. इस वजह से योगी कई अधिकारियों से भी बेहद नाराज हैं.


दरअसल योगी आदित्यनाथ इस कोशिश में हैं कि कैसे जनता का विश्वास 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए जीता जाए. बीजेपी सांसद हुकुम सिंह के निधन के बाद कैराना सीट पर उपचुनाव होने वाले हैं. बीजेपी हर हाल में इस सीट को बचाना चाहेगी.


इससे पहले योगी आदित्यनाथ ने उपचुनाव के हार पर एक कार्यक्रम में कहा था, "जीत और हार कुछ न कुछ सिखाती है हमको, हर हार से कुछ सबक मिलता है, बड़ी खाई में गिरने से अच्छा है कि हम लोग संभल कर चलें."


योगी सरकार ने कानून-वयवस्था को ठीक करने और किसानों की समस्यायों का निपटारा करने की योजना बनाई है. कैबिनेट की बैठक में योगी ने एक अप्रैल से एमएसपी पर गेंहू खरीद और मात्र 72 घंटे में किसानों को गेंहू के भुगतान का ऐलान किया है. इस फैसले को किसानों को खुश करने की दिशा में योगी के मास्टरस्ट्रोक के रूप में देखा जा रहा है.


वहीं दूसरी ओर योगी आदित्यनाथ ने नियुक्ति विभाग के उन अफसरों और इंजीनियरों पर भी शिकंजा कसा है जिन पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं. इन लोगों पर जल्द ही सख्त कार्रवाई की जा सकती है. हार के बाद योगी ने कहा है कि अब वे करप्शन बर्दास्त नहीं करेंगे. इसके लिए भ्रष्ट अफसरों का तबादला से लेकर सस्पेंड भी किया जा सकता है.


राज्य में बढ़ती बेरोजगारी और चयन आयोगों के नाकामी पर भी योगी की नजर है. उपचुनाव के बाद शुरू की गई समीक्षा में पता चला है कि बेसिक शिक्षा विभाग में काम नहीं हो रहा है और आयोगों में भर्ती नहीं शुरू हुई है. इस वजह से योगी ने इन विभागों के अधिकारियों को भी फटकार लगाई है.