नई दिल्ली: दलित वोट साधने में जुटी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता दलितों के घर रात गुजार रहे हैं. लेकिन नेताओं के ऐसे बयान आ रहे हैं जिससे दलितों के साथ सहानुभूति कम मजबूरी ज्यादा दिखती है. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में शिक्षा मंत्री अनुपमा जायसवाल का कहना है कि स्वराज योजना के अंतर्गत हमें दलितों के यहां रुक कर बड़ी खुशी हो रही है. हम 'मच्छर के काटने' के बावजूद भी दलितों के घर पर रुक रहे हैं और उनकी समस्याओं का समाधान कर रहे हैं.


इससे पहले योगी सरकार के मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह ने कहा था कि दलित घर में खाना खाकर उन्होंने वही किया जो राम ने शबरी के बेर खाकर किया था. उन्होंने कहा, ''रामायण में राम और शबरी बातचीत का वर्णन किया गया है. आज जब मैं यहां आया, तब ज्ञान की मां ने मुझे भोजन दिया. उन्होंने कहा कि मुझे भोजन करा कर उन्हें आशीर्वाद मिला.''


इससे पहले केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता उमा भारती ने कहा था, "हम भगवान राम नहीं कि दलितों के साथ भजन करेंगे तो वो धन्य हो जाएंगे. जब दलित हमारे घर आकर, साथ बैठ कर भोजन करेंगे तब हम पवित्र हो जाएंगे. दलित को जब मैं अपने घर में अपने हाथों से खाना परोसूंगी तब मेरा घर धन्य हो जाएगा."


आरएसएस ने कहा- शो करना ठीक नहीं
आपको बता दें कि दलितों के घर भोजन को लेकर बीजेपी में भी विरोध के स्वर उठ रहे हैं. वहीं आरएसएस भी इससे सहमत नहीं है. ABP न्यूज़ से बात करते हुए संघ के सह सरकार्यवाह डॉक्टर मनमोहन वैद्य ने बताया की संघ उत्तर भारत में वर्षों से नवरात्री की देवपूजा के समय में दलित कन्या को घर बुलाकर भोजन और पूजा करते आ रहा है. ये स्वाभाविक तरह से समाज में होना चाहीये. ना की किसी शो के साथ. मीडिया को बताकर, शो करना उचित नहीं है.


वहीं उत्तर पश्चिम दिल्ली से सांसद उदित राज ने दलित के घर खाने पर ट्विट कर कहा कि दलितों के घर खाना खाने या रात्रि विश्राम मात्र से न दलित परिवारों का सशक्तिकरण होता है न ही राजनीतिज्ञों का ही भला होता है इसका जीता जागता प्रमाण है राहुल गांधी. भोजन और विश्राम के दिखावे से बेहतर होगा जरूरतमंद दलित परिवार में रोटी,कपड़ा,मकान,रोजगार और इलाज के लिए नेता आगे आये.


आपको बता दें कि एससी/एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले और अन्य मसलों पर दलित केंद्र की मोदी सरकार से नाराज है. बीजेपी ने आगामी लोकसभा चुनाव में दलित वोटबैंक छिटकने की आशंका को देखते हुए ग्राम स्वराज योजना शुरू की है. इससे तहत केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता दलितों के घर ठहरते हैं.