लखनऊ: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण पर विपक्ष का कोई भी विरोध न होने का दावा करते हुये योगी आदित्यनाथ सरकार के एक मंत्री ने गुरूवार को कहा कि राम मंदिर निर्माण के लिये अब संसद का विकल्प चुनना चाहिये.


उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता और ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने गुरूवार को कहा, ' करीब 500 साल पहले विदेशी आक्रमणकारी भारत आये और उन्होंने भारत में हमारी सांस्कृतिक विरासत को नष्ट करने का प्रयास किया. अयोध्या में जहां राम लला विराजमान है वहां राम का मंदिर होना चाहिये क्योंकि यह करोड़ों हिन्दुओं की आस्था का प्रतीक है. इस मुददे पर अब बहुत राजनीति हो चुकी है.' उन्होंने कहा कि केंद्र और प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सरकार है और गरीबों के विकास के लिये अनेक योजनाओं पर काम हो रहा है. उनमें उनके लिये घर की व्यवस्था करना और सुरक्षा उपलब्ध कराना आदि शामिल है.


शर्मा ने कहा 'लेकिन मंदिर निर्माण करोड़ों लोगों की आस्था का मामला है. हम भी मंदिर निर्माण चाहते है और इसमें देरी क्यों.’’


उन्होंने कहा कि 'लोगो को अदालत से काफी उम्मीद थी, अब तारीख पर तारीख लगेगी, मामला काफी लंबे समय तक खिंच चुका है. अब इस मुददे पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिये और संसद के विकल्प के बारे में गंभीरता से विचार करना चाहिए.' शर्मा ने कहा, ‘‘लोगों के विश्वास और आस्था का सम्मान किया जाना चाहिए. अब इसका कोई विरोध नहीं कर रहा है जो इसका विरोध कर रहे थे वह अब जय श्री राम और जय भोले के नारे लगा रहे हैं.' मंत्री शर्मा का बयान राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत के उस कथन के बाद आया है जिसमें उन्होंने गुरूवार को कहा था कि सरकार अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ करें, जरूरत हो तो सरकार इसके लिए कानून बनाए.


भागवत ने कहा, ‘‘इस मामले में राजनीति आ गई. इसलिए मामला लंबा हो गया. रामजन्मभूमि पर शीघ्रतापूर्वक राम मंदिर बनना चाहिए. इस प्रकरण को लंबा करने के लिए हुई राजनीति हुई को खत्म होना चाहिए.'