लखनऊ: योगी सरकार यूपी में फिर से अग्रिम ज़मानत की व्यवस्था लागू करने की तैयारी में है. कैबिनेट की बैठक में मंगलवार को इस पर फ़ैसला हो सकता है. फिर इस से जुड़े बिल को विधानसभा में पेश किया जाएगा. 23 अगस्त से विधानसभा का सत्र शुरू हो रहा है. देश में सिर्फ़ यूपी और उत्तराखंड में ही अग्रिम ज़मानत नहीं मिलती है. यहां गिरफ़्तारी पर रोक की व्यवस्था है.


मंगलवार को योगी कैबिनेट की मीटिंग में अग्रिम ज़मानत बिल लाने पर चर्चा होगी. मंत्रियों के साथ बात चीत के बाद इस पर फ़ैसला हो सकता है. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ चाहते हैं कि हर हाल में ये बिल विधानसभा के इसी सत्र में पास हो जाए.


सुप्रीम कोर्ट में 16 जुलाई को राज्य सरकार ने अग्रिम ज़मानत व्यवस्था को लागू करने का भरोसा दिया था. इमर्जेंसी के दौरान यूपी में अग्रिम ज़मानत लेने पर रोक लग गई थी. ये बात 1976 की है.. तब से यही व्यवस्था चली आ रही है. ऐसा होने से लोगों को कई तरह की परेशानियां होती रही हैं.


सुप्रीम कोर्ट ने 2008 में इसे ख़त्म करने को कहा था.सीएम रहते हुए मायावती ने हालात बदलने की कोशिश की थी.साल 2010 में विधान सभा से अग्रिम ज़मानत वाला बिल पास हो गया था. लेकिन राष्ट्रपति ने इसे वापस राज्य सरकार के पास भेज दिया था. तब से मामला यूं ही लटकता रहा. अब योगी आदित्यनाथ इसे विधानसभा में पास करा कर क़ानून बनाना चाहते हैं. यूपी में अभी गिरफ़्तारी पर रोक की व्यवस्था है.