कर्नाटक से मज़दूरों को घर भेजने के लिए यूथ कांग्रेस ने खटखटाया हाईकोर्ट का दरवाज़ा
कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु से प्रवासी मजदूरों को लेकर जाने वाली श्रमिक स्पेशल ट्रेनें कर्नाटक सरकार ने रद्द कर दी थीं. यह ट्रेन मजदूरों को लेकर उनके गृह जनपद जाने वाली थीं.
नई दिल्ली: कर्नाटक में प्रवासी मज़दूरों के लिए चलाई जाने वाली ट्रेनों को येदुरप्पा सरकार की ओर से रद्द करने के विरोध में भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने कर्नाटक हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने एबीपी न्यूज़ से कहा, "घर वापसी मजदूरों का अधिकार है. सरकार का फैसला मानव अधिकारों का उल्लंघन है. इसलिए हमने कर्नाटक हाईकोर्ट में याचिका दायर की है."
इससे पहले कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु से प्रवासी मजदूरों को लेकर जाने वाली श्रमिक स्पेशल ट्रेनें कर्नाटक सरकार ने रद्द कर दी थीं. यह ट्रेन मजदूरों को लेकर उनके गृह जनपद जाने वाली थीं, लेकिन मंगलवार को मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने यह फैसला लिया कि श्रमिक स्पेशल ट्रेनें नहीं भेजी जाएंगी.
मंगलवार को सीएम ने व्यवसायों, निर्माण और अन्य औद्योगिक गतिविधियों को फिर से शुरू करने और श्रमिकों की अनावश्यक यात्रा को नियंत्रित करने को लेकर फैसला लिया था.
आपको बता दें कि ये ट्रेनें बिहार के दानापुर जानी थीं. बीएस येदियुरप्पा ने ट्वीट किया, "मंत्रियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे मजदूरों को उनके गृह जनपद न जाने के लिए मनाएं."
एसडब्ल्यूआर ने राज्य सरकार के साथ मिलकर रविवार से आठ ट्रेनों का संचालन किया था और 9,583 श्रमिकों के जाने की व्यवस्था की गई थी. एसडब्ल्यूआर ने इन वर्कर्स को दानापुर (तीन ट्रेन), भुवनेश्वर, हटिया, लखनऊ, बरकाकाना और जयपुर भेजा. दूसरे राज्यों के कई लाख प्रवासी कामगार अभी भी यहां फंसे हुए हैं और अपने घर वापस जाने का इंतज़ार कर रहे हैं.