वो हंसमुख थी...वो सबसे मजाक करती थी...महाराष्ट्र के पालघर की रहने वाली श्रद्धा वाकर की दिल्ली में हत्या के बाद से वसई-विरार इलाके में उसके दोस्त सदमे में हैं. इन दोस्तों में श्रद्धा के साथ कॉलेज में पढ़ने वाले दोस्त भी हैं. ये सब दो दिनों से दबी जुबान में इस जिंदादिल लड़की की दर्दनाक मौत की चर्चा कर रहे हैं. 


श्रद्धा के साथ पढ़ने वाली दोस्त शारदा जायसवाल बताती हैं कि कैसे- कुछ साल पहले- उनके कई दोस्त श्रद्धा को पूरी तरह से गंजा देख भौचक्के रह गए थे. शारदा ने कहा कि उसने अपना सिर मुंडवा लिया था, शायद अवसाद के कारण या अपनी मां की मृत्यु के बाद, हालांकि सही बात कोई नहीं जानता. 


उसने कहा कि अधिकांश दोस्त इससे चौंक गए थे, क्योंकि श्रद्धा अपने बालों के बारे में बहुत जुनूनी थी, लेकिन बाद में उसने केवल छोटा बाल जैसा हेयरस्टाइल रखा. एक और  दोस्त जीएस मेनेजेस के पास श्रद्धा और अन्य दोस्तों के साथ महाराष्ट्र के अलग-अलग पहाड़ियों, हिमाचल प्रदेश में हिमालय की तलहटी और भारत के अन्य हिस्सों में घूमने जाने की सुखद यादें हैं. 


पिछली साल मई में, वह हिमाचल प्रदेश के बैजनाथ में गार्डन कैफे गई थी, और ऐसे ही अक्सर दूसरी जगहों पर जाती रहती थी क्योंकि उसे प्रकृति से बहुत प्यार था. शारदा और श्रद्धा ने विरार पश्चिम में बीएमएम की पढ़ाई एक साथ की थी, वहीं से मेनेजेस ने भी पढ़ाई की थी.
 
मेनेजेस ने बताते हैं, 'जब मैंने कई साल पहले कॉलेज में एडमिशन लिया था, वह मेरी अच्छी दोस्तों में से एक थी और फिर हमारा काफी बड़ा ग्रुप था. हम लंबी पैदल यात्रा, ट्रेकिंग, रेस्तरां या कॉफी-शॉप में छोटी सैर पर जाते थे, और कभी-कभी लंबी यात्रा में ही जाया करते थे. 




(घर से मिला कुछ सामान)


शारदा ने बताया, 'कॉलेज में टीचर अक्सर 'शारदा' और 'श्रद्धा' के नाम में कंफ्यूज रहते थे, उन्हें एक-दूसरे के नाम से बुलाते थे, तो वह हंसने लगते थी. कॉलेज में, वह सभी के साथ बहुत खुशमिजाज थी... कई दोस्तों के साथ... लेकिन समूह में बहुत कम लोगों के करीब थी..उसने सभी कॉलेज में सभी कार्यक्रमों में हिस्सा लिया था. वह खुशमिजाज और मौज-मस्ती करने वाली थी, हालांकि वह अपने आफताब के संपर्क में आने के बाद बदल गई थी. 


शारदा और मेनेजेस दोनों ने कहा कि कॉलेज में कुछ साल बाद ही वह अचानक कॉलेज से दूर हो गई, क्योंकि वह आर्थिक रूप से स्वतंत्र होना चाहती थी और डेकाथलॉन नामक एक कंपनी में शामिल हो गई और बाद में मुंबई के मलाड उपनगर में एक बीपीओ (कॉल सेंटर) में नौकरी करने लगी. 


आफताब अमीन पूनावाला के साथ चल रहे अफेयर के बारे में जानने वाली मेनेजेस ने कहा, अपनी पढ़ाई के लिए पैसा जमा करने के बाद ही, उसने अपनी पढ़ाई फिर से शुरू की और स्नातक की पढ़ाई पूरी की.


लेकिन उसके दूसरी बार आने के दौरान ज्यादातर दोस्तों ने बदली हुई श्रद्धा को देखा, उसकी जिंदादिली गायब, थोड़ा हटकर, फोन पर भी लंबे समय तक संपर्क से दूर रहना, हर चीज में दिलचस्पी न लेना, सतर्क, चिंतित और जीवन से खुद को काटती हुई दिखाई दी. 
 
शारदा और मेनेजेस, और एक अन्य बचपन के दोस्त लक्ष्मण नादर को भी आफताब के साथ उसके रिश्ते के बारे में पता चला, और थोड़े दिनों बाद वह आफताब के साथ रहने के लिए अपने घर से चली गई.


कुछ दोस्तों ने उससे बात करने की कोशिश की लेकिन वह ज्यादातर हर किसी से बचती रही यानी अलग होती रही लेकिन कुछ करीबी दोस्तों को उसने बताया था कि आफताब उसे प्रताड़ित करता है, उसकी पीठ पर सिगरेट के जले हुए धब्बे थे, उसने बताया कि वह उसे ब्लैकमेल करता और जान से मारने की धमकी देता है. 


कुछ दोस्तों ने आफताब से बात की और श्रद्धा को चोट पहुंचाने पर पुलिस की चेतावनी दी, जिसके बाद आफताब से माफी मांगी और ऐसा नहीं करने का वादा किया. शारदा और मेनेजेस ने कहा कि वह पारंपरिक, रूढ़िवादी परिवार से हैं, जो गणेशोत्सव जैसे त्योहार मनाता है और इसलिए हो सकता है कि उसके अंतर-धार्मिक संबंधों पर आपत्ति जताई हो.
 
कई दोस्तों ने भी उसे अपने माता-पिता के पास जाने की सलाह दी, लेकिन आजाद खयालों  वाली श्रद्धा ने उनकी दलीलों को खारिज कर दिया और आफताब के साथ ही रही, और आखिरकार वह अप्रैल में उसके साथ दिल्ली चली गई.


मेनेजेस को आखिरी बार श्रद्धा से एक वीडियो-एडिटिंग जॉब के लिए कुछ मदद मांगने पर बात हुई थी और उसने उसकी सहायता की, जबकि लगभग दो साल तक शारदा सोशल मीडिया के माध्यम से श्रद्धा के संपर्क में रही.  


इस हफ्ते की शुरुआत में, पालघर, उसके कॉलेज और उसके दोस्तों के बीच उसकी क्रूर हत्या की खबर से हड़कंप मच गया. उसके शरीर को 35 टुकड़ों में काटकर दिल्ली के जंगलों में फेंक दिया गया- जिसने देश को हिलाकर रख दिया.


18 मई को अपनी लिव-इन पार्टनर श्रद्धा वॉकर की हत्या करने और उसके शरीर को 35 टुकड़ों में काटने के बाद, आरोपी आफताब अमीन पूनावाला ने पहले लिवर और आंतों को निकालकर ठिकाने लगा दिया था. उसने उसे पीटा भी और उसके बेहोश होने के बाद वह उसके सीने पर बैठ गया और फिर गला दबाकर उसकी हत्या कर दी.
 




सूत्रों ने बताया, 'अपनी पूछताछ के दौरान, आफताब ने खुलासा किया कि जिगर और आंतें शरीर के पहले अंग थे जिन्हें उसने छतरपुर और महरौली के वन क्षेत्रों में प्लास्टिक की थैलियों में बंद कर ठिकाने लगाया.'


आफताब ने गूगल पर शव को काटने का तरीका सर्च करने के बाद शव को बाथरूम में शॉवर के नीचे रख दिया, ताकि आसानी से उसके टुकड़े किए जा सकें.


सूत्रों ने उसके कबूलनामे का हवाला देते हुए कहा, 'मुझे टीवी पर 'क्राइम सीरीज' देखने का शौक है और उनके माध्यम से मुझे शरीर के अंगों को संरक्षित करने और उसके ठिकाने के बारे में संदेह से बचने के विचार आए. इसलिए मैं हत्या के बाद उसके इंस्टाग्राम प्रोफाइल पर पोस्ट करता रहा. मैंने यह सब अपने आप किया.'


मंगलवार सुबह दूसरी बार दिल्ली पुलिस की एक टीम आफताब को अवशेष बरामद करने के लिए महरौली वन क्षेत्र ले गई. उसे सबसे पहले सोमवार को इलाके में ले जाया गया था.


12 नवंबर को उसकी गिरफ्तारी के बाद, पुलिस ने कई तलाशी के बाद संदिग्ध मानव अवशेषों के साथ 10 प्लास्टिक बैग बरामद किए थे. 




(दिल्ली के मेहरौली में इसी घर में रहती श्रद्धा)



आफताब अमीन पूनावाला ने दस दिन पहले उसे मार डालने की योजना बनाई थी, लेकिन श्रद्धा के रोने से वह झिझक गया. सूत्रों ने बताया, 'उनके बीच अक्सर झगड़े होते थे, क्योंकि श्रद्धा को शक था कि वह उसे धोखा दे रहा है. वह डेटिंग ऐप बम्बल पर सक्रिय था, जिस पर दोनों तीन साल पहले मिले थे.'


सूत्रों ने दावा किया, 'वह जानती थी कि वह डेटिंग ऐप पर अन्य लड़कियों से बात कर रहा था और आफताब को अब उसमें कोई रूचि नहीं थी.' सूत्रों ने कहा, 'लड़ाई के बाद, आफताब ने 10 दिन पहले उसे मारने की योजना बनाई थी, लेकिन श्रद्धा रोई और फिर वह ऐसा करने में झिझक गया.'


पुलिस ने कहा कि आफताब ने श्रद्धा के शव के टुकड़े-टुकड़े करने के बाद ने अगले दिन एक बड़ा रेफ्रिजरेटर खरीदा और शरीर के अंगों को उसमें रख दिया. बदबू से बचने के लिए उसने अपने घर पर अगरबत्तियां जलाईं.


आफताब कथित तौर पर अमेरिकी क्राइम शो 'डेक्सटर' से प्रेरित था, जो एक ऐसे व्यक्ति की कहानी बताता है जो दोहरी जिंदगी जीता है.  सूत्रों ने बताया कि प्रशिक्षित रसोइया होने के नाते आफताब चाकू चलाने में माहिर था. हालांकि वारदात में प्रयुक्त चाकू अभी तक बरामद नहीं हो सका है. 


उसने 18 दिनों में महरौली के जंगल में शरीर के टुकड़े फेंके थे. शक से बचने के लिए वह रात करीब 2 बजे पॉलीबैग में बॉडी पार्ट रखकर घर से निकल जाता था.आफताब अमीन पूनावाला ने पुलिस के सामने कबूल किया है कि उसे श्रद्धा के शरीर के 35 अलग-अलग टुकड़ों में काटने में 10 घंटे लगे और आरोपी ने उसके चेहरे को तब तक जलाया, जब तक युवती की पहचान नहीं मिट गई. 


जून में त्रिलोकपुरी इलाके में एक सिर सहित कुछ अवशेष बरामद होने के बाद डीएनए परीक्षण में मदद के लिए दक्षिण जिला पुलिस टीमों ने पूर्वी जिले के पांडव नगर पुलिस थाने के अपने समकक्षों से भी संपर्क किया है. महरौली इलाके से लिए गए सैंपल को डीएनए जांच के लिए भेजा गया है. पुलिस दोनों की डीएनए रिपोर्ट का मिलान करेगी.


सबूतों की कमी के बाद, पुलिस टीमों ने बुधवार को छतरपुर में किराए के घर का भी दौरा किया था जहां दोनों रहते थे. सूत्रों ने कहा कि 12 नवंबर को आफताब की गिरफ्तारी के बाद से लापता हथियार की भी तलाश की जा रही है. इस बीच, जांचकर्ता परेशान हैं क्योंकि आफताब उनके साथ सहयोग नहीं कर रहा है. 


सूत्रों ने कहा, उसके बयान बार-बार बदल रहे हैं. उसने पहले जांचकर्ताओं को बताया कि उन्होंने पीड़िता का मोबाइल फोन महाराष्ट्र में फेंक दिया था, लेकिन अब उसका दावा है कि फोन दिल्ली में कहीं गिरा दिया था.