कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए इन दिनों डॉक्टर्स और लोग तरह-तरह की एंटीबायोटिक दवाईयां ले रहे हैं, इसी से संबंधित एक हैरान कर देने वाली खबर आई है. दरअसल कोरोना के बाद कोरोना से भी बड़ा खतरा ‘ सुपर बग’ की आहट से दुनिया सहमी हुई है.
एंटीबायोटिक के अंधाधुंध इस्तेमाल से लाखों जिंदगियां खतरे में
दुनिया की बड़ी-बड़ी दवा कंपनियों के संगठन एएमआर एक्शन फंड ( AMR action fund) ने चेतावनी दी है कि कोरोना में एंटीबायोटिक के अंधाधुंध इस्तेमाल से लाखों जिंदगियां खतरे में हैं. दरअसल एएमआर एक्शन फंड के मुताबिक कोरोना में एंटीबायोटिक से इलाज की वजह से वायरस और बैक्टीरिया में दवाईयों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो रही है जो इन्हें और जानलेवा बना रही है .
2050 तक 1 करोड़ से ज्यादा लोग सुपर बग के होंगे शिकार
एएमआर एक्शन फंड ( AMR action fund) ने दावा किया है कि 2050 तक दुनिया भर में एक करोड़ से लोग ज्यादा एंटीबायोटिक खाने की वजह से सुपर बग के शिकार होंगे जिनकी संख्या आज सात लाख है. एएमआर एक्शन फंड (AMR Action Fund) के मुताबिक इसकी वजह से दुनिया की अर्थव्यवस्था को सौ ट्रिलियन डॉलर का नुकसान होगा.
क्या है सुपरबग
जब किसी बीमारी के इलाज के लिए एंटीबायोटिक का इस्तेमाल किया जाता है तो बैक्ट्रीरिया, वायरस, फंगी और परजीवी भी खुद को बचाने के लिए बड़ी तेजी से अपना रूप बदल लेते हैं, इसे ही सुपर बग कहा जाता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक आज की तारीख में सुपर बग इंसान के लिए 10 बड़े खतरों में से एक हैं. इसलिए समझदार बनिए और बिना सलाह एंटीबायोटिक लेने की गलती हरगिज मत कीजिए.
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