Supreme Court On Tabligi Jamaat: सुप्रीम कोर्ट ने कोरोनाकाल में ब्लैकलिस्ट किए गए तबलीगी जमात के विदेशी नागरिकों को बड़ी राहत दी है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब तबलीगी जमात के 3500 विदेशी नागरिकों को वीजा मिलने में आसानी होगी. सर्वोच्च अदालत ने केंद्र सरकार को आदेश दिया है कि अगर ब्लैकलिस्ट किए गए तबलीगी जमात के विदेशी नागरिक भविष्य में वीजा के लिए आवेदन करते हैं, तो उनके आवेदन पर कानून के मुताबिक फैसला किया जाए. मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस ए एम खानविलकर, जस्टिस अभय एस ओक और जस्टिस जे बी पारदीवाला की बेंच ने ये फैसला सुनाया है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने देशभर के ट्रायल कोर्ट को तबलीगी जमात के विदेशी नागरिकों के खिलाफ दायर मामलों की सुनवाई जल्द पूरी करने का निर्देश दिया था.
कोरोनाकाल में किया गया था ब्लैकलिस्ट
कोरोनाकाल में भारत सरकार के द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करने के कारण 3500 लोगों को ब्लैकलिस्ट किया गया था. आपको बता दें कि ब्लैकलिस्ट किए गए सभी विदेशी नागरिक थे, जो कि तबलीगी जमात के एक सम्मेलन में शामिल होने के लिए भारत आए थे.
सरकार के फैसले को बताया मनमाना
याचिकाकर्ताओं की तरफ से दायर याचिका में कहा गया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा तबलीगी जमात के विदेशी नागरिकों को इस प्रकार से ब्लैकलिस्ट करने का फैसला एकतरफा और मनमाना है. गृह मंत्रालय ने 2 अप्रैल 2020 को 960 विदेशी नागरिकों को ब्लैकलिस्ट करने का आदेश दिया, जबकि 4 जून 2020 को 2500 विदेशी नागरिकों को ब्लैकलिस्ट किया गया. सरकार ने नागरिकों को ब्लैकलिस्ट करने से पहले उनका पक्ष नहीं सुना. जो कि संविधान की धारा 21 का उल्लंघन है.
सॉलिसिटर जनरल ने दिया आश्वासन
केंद्र सरकार की तरफ से इस मामले की पैरवी कर रहे सॉलिसिटर जरनल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को इस बात का आश्वासान दिया कि अगर किसी विदेशी नागरिक को बरी किया जाता है तो उसे फिर से यात्रा करने में कोई कठिनाई नहीं होगी. अगर फिर भी किसी विदेशी नागरिक को कोई दिक्कत होती है तो उनका दफ्तर ऐसे लोगों की मदद करेगा.