नई दिल्लीः हरियाणा और पंजाब के हजारों किसान बीते लंबे समय से नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं. आंदोलन कर रहे किसान बीते 22 दिनों से दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं अब किसानों के आंदोलन के आगे सरकार ने झुकने से मना कर दिया है. जिसके बाद अब इसकी सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में की जाएगी.
सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई
दरअसल 22 दिनों से हरियाणा और पंजाब के किसान दिल्ली के बॉर्डर पर कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हुए हैं. किसानों का कहना है कि जब तक नए कृषि कानून को वापस नहीं लिया जाता तब उनका प्रदर्शन चलता रहेगा. वहीं अब इस मामले में छत्तीसगढ़ कांग्रेस के राकेश वैष्णव, DMK के तिरुचि सिवा और आरजेडी के मनोज झा ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई है. इनकी अर्जी के बाद सुप्रीम कोर्ट किसान आंदोलन को लेकर कृषि कानून पर सुनवाई करेगा.
समझौते के लिए बनाई जाएगी कमेटी
मामले में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते कहा है कि सरकार और किसानों के बीच समझौता किया जा सकता है. इसके लिए एक कमेटी का भी गठन किया जाएगा. इस पर आज सुप्रीन कोर्ट में फिर एक बार सुनवाई होगी. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली की सीमा को सील किए हुए किसान संगठनों से लिस्ट की मांग की है, जिससे यह पता लगाया जा सके की किसान आंदोलन को लेकर किससे बात करनी है.
लंबे समय से बना हुआ है गतिरोध
लंबे समय से चले आ रहे गतिरोध के बाद सरकार की ओर से पहल करते हुए किसान संगठनों से बात की गई थी. फिलहाल सरकार और किसानों के बीच किसी प्रकार कोई हल नहीं निकलने के कारण अब सुप्रीम कोर्ट ने यह कमान अपने हाथ में ले लिया है. आज की सुनवाई में यह खास हो सकता है कि किसान और सरकार के बीच मध्यस्तता के लिए बनाई जाने वाली कमेटी की रूपरेखा क्या होगी और वह इस मामले को किस प्रकार से सुलझाने के लिए काम करेगी.
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