नयी दिल्ली: विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि उत्तराखंड में पीएलए (People's Liberation Army) के हेलिकॉप्टरों का भारतीय हवाई क्षेत्र उल्लंघन के मुद्दे को ‘101 फीसदी’ चीन के साथ उठाया जाएगा जबकि बीजिंग ने अपनी कार्रवाई का बचाव करते हुए कहा कि यह विवादित इलाका है और उसकी सेना हमेशा वहां पेट्रोलिंग करती है. नयी दिल्ली में सुषमा ने कहा, ‘‘पहली बार हवाई सीमा उल्लंघन की घटना हुई है. हम मुद्दे को 101 फीसदी चीन के साथ उठाएंगे लेकिन यह निर्णय नहीं किया गया है कि इस पर हम कैसे आगे बढ़ेंगे.’’
'चीनी सेना इन इलाकों में नियमित तौर पर पेट्रोलिंग करती रहती है'
पीएलए के हेलिकॉप्टरों के शनिवार को भारतीय एयर स्पेस में घुसने की रिपोर्टों के बारे में पूछे जाने पर चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने मीडिया से कहा, ‘‘सैद्धांतिक तौर पर चीन-भारत बॉर्डर के पूर्वी भाग में चीन और भारत का क्षेत्रीय विवाद है.’’ हुआ ने कहा, ‘‘चीनी सेना इन इलाकों में नियमित तौर पर पेट्रोलिंग करती रहती है. हम उम्मीद करते हैं कि दोनों पक्ष बॉर्डर से सटे इलाकों में शांति बनाए रखने के लिए पर्याप्त प्रयास करेंगे.’’
चीन के दो हेलिकॉप्टर शनिवार को चमोली जिले में घुस आए थे
पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ऑफ चाइना के दो हेलिकॉप्टर शनिवार को चमोली जिले में घुस आए थे, जिससे भारतीय सुरक्षा बलों में चिंता पैदा हो गई. इस साल मार्च तक भारतीय एयर स्पेस में पीएलए की यह चौथी घुसपैठ है. भारत में आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि हेलिकॉप्टरों ने भारतीय सेना की तस्वीरें ली होंगी जो संभवत: जासूसी अभियान हो सकता है. हेलिकॉप्टर करीब पांच मिनट बाद चीन की ओर लौट गए.
भारतीय वायु सेना घटना की जांच कर रही है. पहले कुछ मौकों पर भी चीनी हेलिकॉप्टर भारतीय क्षेत्र में 4.5 किलोमीटर तक घुस गए थे जिस पर चीन अपना दावा जताता रहा है. इस सेक्टर में तीन चौकियों में से एक बाराहोती है जहां आईटीबीपी जवान हथियार नहीं ले जा सकते हैं. जवानों के इस पोस्ट पर हथियार नहीं ले जाने का एकतरफा फैसला केंद्र सरकार ने सन् 2000 में लिए था. आईटीबीपी जवान वहां सादे कपड़ों में बिना हथियार के चीन के सामने तैनात रहते हैं.
साल 1958 में भारत और चीन ने 80 वर्ग किलोमीटर चारागाह क्षेत्र बाराहोती को विवादित इलाका घोषित किया था जहां दोनों में से कोई भी देश अपनी सेना नहीं भेजेगा.