तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने मंगलवार को राज्य भर में हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती विभाग के दायरे में आने वाले विभिन्न मंदिरों के 1,744 नाइयों को 5,000 रुपये की मासिक प्रोत्साहन योजना शुरू की है. राज्य सरकार ने कहा कि इस कदम के जरिए सरकार ने जनता से किया हुआ एक और वादा पूरा किया. इस योजना के तहत 10 करोड़ 47 लाख रुपये का वार्षिक खर्च आएगा. इस योजना के तहत मंदिरों में काम करने वाले नाइयों की आजीविका में सुधार होगा. मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने चेन्नई के वेपेरी में आयोजित एक समारोह में इस योजना का शुभारंभ किया. इस मौके पर 25 लोगों को सहायता राशि दी गई. मौके पर मौजूद मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी 1,744 नाइयों के पहचान पत्र जारी किए जाएंगे. जिन्हें संबंधित मंदिरों से 5,000 रुपये मासिक प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी. 


स्टालिन सरकार ने पूरा किया अपना वादा


राज्य की स्टालिन सरकार के मानव संसाधन मंत्री पी के सेकर बाबू ने 7 सितंबर को तमिलनाडु विधानसभा में घोषणा किया था कि राज्य सरकार मंदिरों में काम करने वाले नाइयों की आजीविका में सुधार के लिए 5000 रुपये प्रति माह की प्रोत्साहन राशि देने की शुरुआत करेगी. एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि मुख्यमंत्री एम के स्टालिन के नेतृत्व में सरकार भट्टाचार्यों और तमिल में अर्चना को 1,000 रुपये की मासिक सहायता सहित कल्याणकारी योजनाओं को लागू कर रही है. साथ ही यह भी घोषणा की गई है कि भक्तों से सिर मुंडवाने के लिए कोई पैसा नहीं लिया जाएगा और इसका खर्च मंदिर प्रशासन वहन करेगा.   


मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने सितंबर में घोषणा की थी कि 12,000 कुम्हार जो मानसून के कारण काम नहीं कर सके उन्हें 5000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी . इसके अलावा तकरीबन 3,000 मूर्तिकार जिन्होंने अपनी आजिविका खो दी है उन्हें भी 5000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी. 


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