कोरोना काल में परिजनों को खो चुके बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठा रहे हैं शिक्षक शशि प्रकाश, 150 बच्चों की कर चुके मदद
शिक्षक शशि प्रकाश ने बताया कि वह साल 2021 में कम से कम 2021 बच्चों की फीस भरने में मदद करेंगे. उनके पास लगातार सोशल मीडिया और फोन के जरिए ऐसे बच्चों के लिए मदद मांगी जा रही है.
नई दिल्ली: कोरोना महामारी ने देश के करोड़ों लोगों को बुरी तरह प्रभावित किया है. इस वायरस की वजह से अब तक हजारों बच्चे अपने परिजनों को खो चुके हैं. इस संकट के बीच राजस्थान के कोटा के एक टीचर शशि प्रकाश सिंह ऐसे बच्चों की मदद के लिए आगे आए हैं. वह अब तक 150 से ज्यादा बच्चों की पढ़ाई जारी रखने के लिए मदद कर चुके हैं. उनका उद्देश्य है कि ऐसे ज्यादा से ज्यादा बच्चों की मदद की जाए, ताकि उनका भविष्य बेहतर हो जाए.
किसान परिवार से रखते हैं ताल्लुक
शशि प्रकाश सिंह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के रहने वाले हैं. उन्होंने एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए कहा, "मैं एक किसान परिवार से हूं और मेरे पैरंट्स ने मेरी पढ़ाई के लिए काफी संघर्ष किया. जिसकी वजह से ऐसे बच्चों की परेशानी समझता हूं. जब तक संभव होगा मैं ऐसे बच्चों की मदद करना जारी रखूंगा."
14 साल से पढ़ा रहे केमिस्ट्री
शशि प्रकाश अब तक देश के तमाम जाने-माने इंस्टिट्यूट में हज़ारों बच्चों को पढ़ा चुके हैं. वह बच्चों के बीच एसपीएस सर के नाम से काफी मशहूर हैं. पिछले करीब 14 सालों से नीट की तैयारी कराने वाले इंस्टिट्यूट में केमिस्ट्री पढ़ा रहे हैं. उनके पढ़ाई हुए कई बच्चे अब तक डॉक्टर बनकर देश की सेवा कर रहे हैं.
मां के कोरोना पॉजिटिव होने के बाद आया खयाल
उन्होंने बताया कि, " कुछ महीने पहले मेरी मां कोरोना से संक्रमित हो गई थीं. उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी. इस कठिन दौर में मेरे स्टूडेंट्स ने काफी मदद की. इसके बाद मैंने यह पहल शुरू की. मैं अब तक अपनी सेविंग से 21 लाख रुपए इस काम के लिए खर्च कर चुका हूं."
इस साल कम से कम 2021 बच्चों की मदद का लक्ष्य
उन्होंने बताया कि साल 2021 में कम से कम ऐसे 2021 बच्चों की मदद करने का फैसला किया है, जिनके परिवार में कमाने वाले लोगों की कोरोना के कारण मौत हो गई. वे कक्षा 1 से लेकर ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन कर रहे बच्चों की भी मदद कर रहे हैं. उनका परिवार और दोस्त भी इस काम में उनका साथ दे रहे हैं.
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