ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलेपमेंट प्रोजेक्ट को डीडीए से मिली मंजूरी, बनाए जाएंगे 6000 नए फ्लैट्स
ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलेपमेंट प्रोजेक्ट को डीडीए ने मंजूरी दे दी है. इस प्रोजेक्ट के तहत रिहायशी इलाकों में 6000 नए फ्लैट्स बनाए जाएंगे. साथ ही एक ही परिसर में आपको जिम और गार्डन जैसी कई सुविधाएं मिल सकेंगी.
नई दिल्ली: पांच साल के इंतजार के बाद दिल्ली डेवलपमेंट अथॉरिटी (डीडीए) ने ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलेपमेंट (टीओडी) प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है. इस प्रोजेक्ट पर काम जल्द ही ईस्ट दिल्ली के कड़कड़डूमा में शुरू होगा. इस प्रोजेक्ट के लिए 60 एकड़ जमीन को चुना गया है. वहीं प्रोजेक्ट के दौरान 30 रेजिडेंशियल और कमर्शियल कॉरिडोर बनाए जाएंगे. एक कॉरिडोर 50 स्टोरी तक ऊंचा होगा. प्रोजेक्ट को लेकर डीडीए के वाइस चेयरमैन वरूण कपूर ने बताया कि बहुत जल्द दिल्ली में नए 6,000 फ्लैट्स का निर्माण होगा. बताया जा रहा है कि गृह मंत्री अमित शाह इस प्रोजेक्ट की शुरुआत 26 दिसंबर को करेंगे.
क्या है ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलेपमेंट प्रोजेक्ट (टीओडी)
टीओडी पॉलिसी आने के बाद लोगों को एक ही परिसर में कमर्शल और रिहायशी एक्टिविटी की सुविधा मिलेगी. साथ ही लोगों को प्रोजेक्ट की मदद से एक ही परिसर में ऑफिस, घर, पार्क से लेकर ट्रांसपोर्ट की सुविधा मिलेगी. इतना ही बच्चों के स्कूल, कॉलेज और अन्य सुविधाएं भी एक ही परिसर में मिल सकेंगी.
क्या है ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलेपमेंट का मकसद
ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलेपमेंट का मकसद लोगों को पैदल चलने, साइकिल चलाने और पब्लिक ट्रांसपोर्ट का ज्यादा इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित करना है. कड़कड़डूमा में बनने वाले टीओडी प्रोजेक्ट को डीडीए ने 2014 में मंजूरी दी थी. इसके अलावा 2015 में मयूर विहार के लिए इस प्रोजक्ट को मंजूरी दी गई थी. डीडीए का कहना है कि कड़कड़डूमा के अलावा द्वारका सेक्टर 21, रोहिणी सेक्टर-18, मुकुंदपुर, सरोजनी नगर और आईएनए मेट्रो के पास इस प्रोजेक्ट की शुरुआत होगी.
सीपी कुकरेजा आर्किटेक्ट कंपनी
सीपी कुकरेजा आर्किटेक्ट कंपनी के मालिक दिक्षु सी कुकरेजा का कहना है कि पहले चरण में 4 कॉरिडोर्स का निर्माण किया जाएगा. इसके अलावा 10 एकड़ का एरिया सिर्फ गार्डन का होगा. साथ ही एक ही जगह पर जिम और कम्युनिटी हॉल होंगे. इसके अलावा वेस्ट वॉटर को कैसे रिसायकल किया जाए इस पर भी ध्यान दिया जाएगा. इन कॉरिडोर्स को मेट्रो स्टेशन के पास ही बनाया जाएगा. जिससे लोगों को ज्यादा दूर तक कंवेंस के लिए परेशान नहीं होना पड़े.
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