देश में लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. इससे पहले 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव भी होने हैं. मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ इन प्रदेशों में अहम हैं. इन राज्यों में बीजेपी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में लगभग क्लीन स्वीप कर दिया था. 


लोकसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी ने प्लान को पुख्ता करना शुरू कर दिया है. बीजेपी ने इस बार अपनी रणनीति में बड़ा बदलाव किया है. अभी तक पार्टी माइक्रो लेवल पर जाकर पन्ना प्रमुख के जरिए चुनाव लड़ती रही है. लेकिन अब बाकी पार्टियों ने भी इसको अपना लिया है.


केंद्र की सत्ता में मोदी सरकार बनने के बाद से भारत में डिजिटल तकनीकी ने हर सेक्टर में प्रभाव डाला है. इस समय देश की बड़ी आबादी के पास मोबाइल है और सोशल मीडिया के जरिए बड़े मार्केटिंग अभियान चलाए जा रहे हैं. कोई भी जानकारी अब एक पल में लाखों लोगों के मोबाइल पर पहुंच जा रही है. 


बीजेपी के रणनीतिकारों ने इस बार सोशल मीडिया को चुनावी हथियार बनाने का फैसला किया है. बीजेपी के प्लान के मुताबिक हर संसदीय क्षेत्र के लिए ट्विटर हैंडल बनाए जाएंगे और उसमें 50 हजार फॉलोअर्स उसी इलाके से जोड़े जाएंगे.  ट्विटर पर फॉलोअर्स बढ़ाने के लिए बीजेपी की टीमें कॉलेज जाने वाली लड़कियों, स्वयं सहायता समूह, धार्मिक नेताओं के जरिए संपर्क साधेगी.


इन ट्विटर हैंडल के जरिए केंद्र की 12 योजनाओं के लाभार्थियों को भी जोड़े जाने का प्लान है. हर संसदीय क्षेत्र में एक सोशल मीडिया टीम, एक लोकसभा कोऑर्डिनेटर, सोशल मीडिया कोऑर्डिनेटर और एक फुल टाइमर तैनात किया जाएगा.


प्लान 144 अब प्लान 160
इससे पहले बनाई गई रणनीति में बीजेपी ने उन 144 सीटों के लिए प्लान बनाया था जिन पर लोकसभा चुनाव 2019 में बहुत कम अंतर से हार-जीत तय हुई थी लेकिन अब इन सीटों को बढ़ाकर 160 कर दिया गया है.


क्यों बदला गया प्लान?
बीते साल 25 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की एक बैठक हुई थी जिसमें लोकसभा प्रवास योजना पर चर्चा की गई थी. इसमें संसदीय क्षेत्रों का एक क्लस्टर बनाया गया था जिसका इन-चार्ज मोदी सरकार में शामिल मंत्री बनाए जाएंगे या फिर पार्टी के वरिष्ठ नेता. ये सभी प्रभारी संगठन को मजबूत करने और पार्टी कार्यकर्ताओं में फिर से जोश भरने का काम करेंगे.  इसके अलावा सभी ये सभी नेता बूथ लेवल की गतिविधियों से लेकर स्थानीय स्तर पर प्रभावशाली नेताओं से संपर्क साधेंगे. साथ ही वाट्सएप ग्रुप के जरिए संवाद करेंगे.


बनाई गई रणनीति के मुताबिक पार्टी ने साल 2019 के लोकसभा चु्नाव में 436 सीटों पर चुनाव लड़ा था जिसमें 303 पर जीत मिली थी. शुरुआती प्लान में 144 ऐसी सीटों को शामिल किया गया था जिसमें जीत-हार का अंतर काफी कम था. लेकिन अब इन सीटों की संख्या 160 तक कर दी गई है. सूत्रों का कहना है कि ये संख्या 200 तक पहुंचाई जा सकती है.


अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक बीजेपी ने इस प्लान पर काम करना शुरू कर दिया है और इन सभी 160 संसदीय क्षेत्रों के लिए एक फुल टाइम विस्तारक भेज दिया गया है जो लोकसभा चुनाव होने तक वहीं पर काम करेगा.  ये सभी वहां के जिलाध्यक्षों के साथ मिलकर बूथ लेवल पार्टी की चुनावी गतिविधियों पर चर्चा करेंगे. 


किन राज्यों की हैं ये सीटें
बीजेपी ने जिन 160 सीटों को टारगेट किया है उनमें पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, केरल और ओडिशा हैं. इसके साथ ही इन राज्यों में उत्तर प्रदेश और बिहार की भी सीटें शामिल हैं. महाराष्ट्र में पार्टी ने 16 सीटों को लिस्ट में शामिल किया है जिसमें एनसीपी चीफ शरद पवार का गढ़ बारामती भी शामिल है. इसके अलावा बंगाल की 19 सीटें और उत्तर प्रदेश में गांधी परिवार का गढ़ रायबरेली, बीएसपी का गढ़ अंबेडकरनगर, श्रावस्ती जहां बीजेपी बीएसपी से बहुत कम अंतर से हारी थी, लालगंज, मुरादाबाद,  संभल, अमरोहा और मैनपुरी शामिल हैं. 


तेलंगाना में महबूब नगर की सीट जहां पर बीजेपी दूसरे नंबर पर थी, नगर कुर्नूल यहां पर बीजेपी तीसरे नंबर थी और उसे 1 लाख वोट मिले थे. बिहार में बीजेपी ने 4 और सीटें जोड़ी हैं जहां पर अब कुल 10 सीटें हो गई हैं.


बीजेपी के एक्शन प्लान के मुताबिक हर संसदीय क्षेत्र को क्लस्ट में बांटा जाएगा और कोई एक सीनियर या मंत्री इसका प्रभारी बनाया जाएगा.  केंद्रीय, स्थानीय और जिला स्तर पर तीन कमेटियां काम करेंगी जो चुनावी क्षेत्रों से जुड़ी जानकारी, कल्याणकारी योजनाओं को लागू करने से जुड़ी सूचनाओं को इकट्ठा करेंगी.


ये सभी प्रभारी इन कमेटियों के जरिए संसदीय क्षेत्रों की भौगोलिक स्थिति, जातियों का समीकरण, जातियों के हिसाब से आर्थिक स्थिति, युवाओं की संख्या, महिलाएं, गरीबों की संख्या से जुड़े आंकड़े जुटाएंगे.


इतना ही नहीं ये समितियां स्थानीय संस्कृति,त्योहार, राजनीतिक घटनाक्रमों और ऐसे युवा जो बाइक चलाते हैं उनका भी ब्यौरा जुटाएगी.


कौन मंत्री और नेता बनाए हैं क्लस्टर हेड यानी प्रभारी
पीयूष गोयल, धर्मेंद्र प्रधान, भूपेंद्र यादव, नरेंद्र सिंह तोमर, गिरिराज सिंह, मनसुख मांडविया, स्मृति ईरानी, अनुराग ठाकुर, संजीव बालियान, जितेंद्र सिंह, महेंद्र नाथ पांडेय को क्लस्ट हेड बनाया गया है और इसके अलावा कई नेताओं को संसदीय क्षेत्रों का इंचार्ज बनाया गया है.


इंडियन एक्सप्रेस की मानें तो पूरे देश में 40 क्लस्टर हेड बनाए गए हैं. मंत्रियों को टास्क दिा गया है कि वो कम से कम 48 घंटे दिए गए संसदीय क्षेत्रों में गुजारें. इसके अलावा वो 6 लोगों के घर जाएंगे और उनके लगातार संपर्क में रहेंगे. हर दौरे के दौरान वो 6 कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे और इस दौरान बूथ लेवल पर 20 नए सदस्य बनाने होंगे.


संगठानात्मक स्तर पर गतिविधियां बढ़ाने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह जनवरी महीने में 11 राज्यों का दौरा करने वाले हैं. इसी कड़ी में अमित शाह 5 जनवरी को त्रिपुरा जा चुके हैं और वहीं से ऐलान भी कर दिया गया है कि 1 जनवरी 2024 को अयोध्या में राम मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा. अमित शाह का ये बयान बीजेपी की रणनीति का हिस्सा है और इसे कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिहाज से भी देखा जा रहा है.


अमित शाह 7 जनवरी को छ्त्तीसगढ़ और झारखंड जाएंगे और 8 जनवरी को आंध्र प्रदेश जाएंगे.  16 जनवरी को उत्तर प्रदेश, 17 जनवरी को बंगाल, 28 जनवरी को कर्नाटक जाएंगे. 29 जनवरी को अमित शाह का हरियाणा और पंजाब दौरा तय किया गया है.


बीजेपी की इस चुनावी रणनीति को कैसे लागू किया जा रहा है इस पर अमित शाह की सीधी नजर होगी. हालांकि पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और संगठन महासचिव बीएल संतोष की भी इसमें शामिल होंगे. सभी प्रभारी मंत्रियों को संगठन मजबूत करने के लिए 18 महीने का समय दिया गया है.