लखनऊ (शैलेश अरोड़ा). उत्तर प्रदेश में कस्तूरबा विद्यालयों में फर्जीवाड़ा सामने आने से हड़कंप मचा हुआ है. अनामिका शुक्ला का प्रकरण अभी जांच के दायरे में आया ही था कि एक अन्य मामले ने शिक्षा विभाग की नींद उड़ा दी है. जौनपुर और आजमगढ़ में प्रीति यादव के नाम महिला के दस्तावेज पर दो फर्जी शिक्षक मिले हैं. इस प्रकरण में भी अनामिका शुक्ला की तरह दोनों शिक्षिकाएं नौकरी कर रही थीं. जबकि जौनपुर निवासी असली प्रीति यादव बेरोजगार है.


दो फर्जी शिक्षिकाओं में से एक कस्तूरबा गांधी विद्यालय जौनपुर में फर्जी दस्तावेज के सहारे नौकरी कर रही है और दूसरी शिक्षिका पवई, आजमगढ़ में वार्डन के पद पर तैनात है. ये दोनों जौनपुर के सिकरारा की रहने वाली प्रीति यादव के दस्तावेज के पर नौकरी कर रही थीं. प्रेरणा पोर्टल पर डेटा में दोनों फर्जी शिक्षिकाओं का आधार कार्ड एक होने से आशंका हुई थी. जब मामले की जांच की गई तो यह फर्जीवाड़ा सामने आया. महानिदेश स्कूल एजुकेशन विजय किण आनंद ने फर्जीवाड़े की पुष्टि की है. यही नहीं ये जानकारी भी सामने आई है कि आजमगढ़ में फर्जी शिक्षिका 9 जून को स्कूल पहुंची लेकिन प्रमाणपत्रों की जांच के नाम पर वह भाग निकली.


आपको बता दें कि फर्जी दोनों शिक्षिकाओं ने मैनपुरी का पता दिया था और एक ही आधार कार्ड दिया था. एक बात साफ है कि इस फर्जीवाड़े के पीछे कोई एक ही मास्टरमाइंड काम कर रहा है. अबतक मिली जानकारी के अनुसार फर्जी प्रीति यादव जौनपुर में 19 अक्टूबर 2019 से काम कर रही थी. यही नहीं जौनपुर में होली के पहले से प्रीति यादव अवकाश पर चल रही है. फर्जी शिक्षिका ने मोबाइल नंबर बंद कर लिया है. आपको बता दें कि असली प्रीति यादव 69000 भर्ती में आवेदक भी है.


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