एक्सप्लोरर

सितंबर के महीने में बेरोजगारी दर में बड़ी गिरावट के पीछे का आखिर क्या है रहस्य?

सितंबर में सर्वाधिक 23.8 प्रतिशत की बेरोजगारी दर राजस्थान में रही, जबकि जम्मू कश्मीर में यह 23.2 प्रतिशत, हरियाणा में 22.9 प्रतिशत, झारखंड में 12.2 प्रतिशत और बिहार में 11.4 प्रतिशत रही.

अर्थव्यवस्था पर नजर रखने वाली संस्था सेंटर फॉर मॉनिटरिंग ऑफ इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) ने बताया है कि देश के ग्रामीण और शहरी इलाकों में श्रम भागीदारी बढ़ने से सितंबर के महीने में बेरोजगारी दर घटकर 6.43 प्रतिशत पर आ गई. सीएमआईई ने सितंबर 2022 के रोजगार के आंकड़े जारी करते हुए कहा कि अगस्त में बेरोजगारी दर 8.3 प्रतिशत के साथ एक साल के उच्च स्तर पर पहुंच गई थी. 

सीएमआईई के प्रबंध निदेशक महेश व्यास ने कहा, "सितंबर में बेरोजगारी दर में खासी गिरावट दर्ज की गई है. शहरी क्षेत्रों के अलावा ग्रामीण इलाकों में भी श्रम भागीदारी बढ़ने से ऐसा हुआ है." व्यास ने आगे कहा कि सितंबर में श्रम भागीदारी में 80 लाख की बढ़ोतरी होना इस बात का संकेत है कि देश की अर्थव्यवस्था अच्छा प्रदर्शन कर रही है.

बेरोजगारी दर में 1.87 प्रतिशत की गिरावट हुई. यह ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में श्रम भागीदारी बढ़ने के कारण हुआ है. बता दें कि पिछले महीने भारत में रोजगार क्रमिक रूप से 2 मिलियन घटकर 394.6 मिलियन रह गया था.

त्यौहारी सीजन में आया बूम?
हालांकि, कुछ लोगों का ये भी मानना है कि सितंबर महीने से ही देश में त्यौहारी सीजन की शुरुआत हो जाती है. इस दौरान देशभर में बाजार गुलजार रहते हैं और लोग जमकर खरीदारी करते हैं. त्यौहार के समय कंपनियों, मिठाई की दुकानों और असंगठित क्षेत्रों में काम करने वालों श्रामिकों की मांग बढ़ जाती है. दुकानदार अपनी दुकानों पर ज्यादा लोग रखते हैं. इस कारण बड़ी मात्रा में एकदम से रोजगार के अवसर पैदा हो जाते हैं. वहीं नवरात्रि और दीपावली के समय लोग अपने घरों में रंगाई और पुताई के साथ ही मरम्मत करवाते हैं, जिससे एकदम से मार्केट में रोजगार पैदा हो जाता है.

ऐसे में सीएमआईई के द्वारा सितंबर महीने में बेरोजगारी दर कम होने में त्यौहारी सीजन का अहम योगदान है. सीएमआईई के आंकड़ों के मुताबिक, ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी दर एक महीना पहले के 7.68 प्रतिशत से घटकर 5.84 प्रतिशत पर आ गई. वहीं शहरी इलाकों में यह 7.70 प्रतिशत पर रही जो अगस्त में 9.57 प्रतिशत रही थी.

कुछ राज्यों में हालात सुधरे तो कुछ में बिगड़े 
इसके अलावा सितंबर में सर्वाधिक 23.8 प्रतिशत की बेरोजगारी दर राजस्थान में रही, जबकि जम्मू कश्मीर में यह 23.2 प्रतिशत, हरियाणा में 22.9 प्रतिशत, त्रिपुरा में 17 प्रतिशत, झारखंड में 12.2 प्रतिशत और बिहार में 11.4 प्रतिशत रही. वहीं सबसे कम बेरोजगारी दर छत्तीसगढ़ में रही जहां सिर्फ 0.1 प्रतिशत बेरोजगारी आंकी गई. असम में बेरोजगारी दर 0.4 प्रतिशत, उत्तराखंड में 0.5 प्रतिशत, मध्य प्रदेश में 0.9 प्रतिशत, गुजरात में 1.6 प्रतिशत, मेघालय में 2.3 प्रतिशत और ओडिशा में 2.9 प्रतिशत रही.

मनरेगा का कम बजट भी बेरोजगारी की वजह? 
ग्रामीण क्षेत्रों में कम होते रोजगार का एक कारण लगातार मनरेगा योजना के बजट में कटौती भी है. दरअसल, मनरेगा के तहत किसी भी ग्रामीण परिवार के सार्वजनिक काम से संबंधित अकुशल शारीरिक काम करने के इच्छुक वयस्क लोगों को हर साल 100 दिनों के राजगार की गारंटी देता है. लेकिन केंद्र की मोदी सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून के बजट पर कैंची चलाते हुए 25.52 प्रतिशत कम कर दिया. 

वित्त वर्ष 2022-23 के लिए मोदी सरकार ने मनरेगा का बजट 98,000 करोड़ से घटाकर सिर्फ 73,000 करोड़ कर दिया. जबकि मोदी सरकार ने कोरोना महामारी 2020 में मनरेगा के लिए एक लाख करोड़ रुपए का बजट रखा था. इससे कोरोना काल में शहरों से पलायन करके गए लोगों को भी रोजगार मुहैया करवाने में महत्तवपूर्ण भूमिका निभाई थी. कोरोना काल 11 करोड़ ग्रामीण मजदूरों को रोजगार देने में मदद की थी. 


सितंबर के महीने में बेरोजगारी दर में बड़ी गिरावट के पीछे का आखिर क्या है रहस्य?

वहीं, अगस्त में बेरोजगारी के बढ़ने का एक कारण देश में कम बारिश रही. कम बारिश होने की वजह से ग्रामीण क्षेत्रों में घान की बुवाई के साथ-साथ फसलों की कम बुवाई हुई है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के कम अवस,न पैदा हुए. वहीं ग्रामीण इलाकों में बेरोजगारी का असर शहरी क्षेत्रों में भी देखने को मिला.   

अगस्त में बेरोजगारी दर कम बारिश होने की वजह से एक साल के उच्च स्तर 8.3 प्रतिशत पर पहुंच गई थी. अगस्त में शहरी बेरोजगारी दर 9.6 प्रतिशत रही जबकि ग्रामीण बेरोजगारी दर 7.7 प्रतिशत रही थी.

RBI ने जारी की रिपोर्ट
इसके साथ ही भारतीय रिजर्व बैंक की एक रिपोर्ट में भी यह अनुमान जताया गया है कि मुद्रास्फीति का लगातार उंचे स्तर पर बने रहना आरबीआई के लिए नीतिगत चिंता का एक महत्वपूर्ण विषय है, लेकिन देश में सामान्य बरसात और वैश्विक सामानों के सप्लाई चेन में रुकावटें दूर होने से अगले वित्त वर्ष में यह दबाव कम होने की संभावना है. 

आरबीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि अप्रैल 2023 से शुरू होने वाले अगले वित्त वर्ष में खुदरा मुद्रास्फीति नियंत्रण में आ जाएगी और इसका स्तर 5.2 फीसदी तक रहने की उम्मीद है. चालू वित्त वर्ष में इसके 6.7 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया है.

आरबीआई ने 'मौद्रिक नीति रिपोर्ट सितंबर 2022' में कहा, "सामान्य मॉनसून, सप्लाई चेन में बने व्यवधानों के लगातार दूर होने और कोई अन्य बाहरी या नीतिगत झटका नहीं लगने की स्थिति में वित्त वर्ष 2023-24 में मुद्रास्फीति के औसतन 5.2 फीसदी रहने का अनुमान है."

वहीं, जनवरी 2022 से मुद्रास्फीति का स्तर आरबीआई की संतोषजनक ऊपरी सीमा (छह प्रतिशत) से भी अधिक बना हुआ है. अप्रैल में तो मुद्रास्फीति 7.8 फीसदी के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई थी हालांकि बाद में इसमें कमी आनी शुरू हुई, फिर भी यह अस्वीकार्य उच्च स्तर पर बनी हुई है.

महंगाई को काबू में करने के लिए शुक्रवार को आरबीआई ने नीतिगत दर रेपो 0.5 प्रतिशत बढ़ाकर 5.9 प्रतिशत कर दी. आरबीआई ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिये मुद्रास्फीति अनुमान को 6.7 प्रतिशत पर बरकरार रखा है. दूसरी छमाही में इसके करीब छह प्रतिशत पर रहने का अनुमान है.

 

और देखें
Advertisement
Advertisement
Wed Feb 26, 10:31 pm
नई दिल्ली
16.1°
बारिश: 0 mm    ह्यूमिडिटी: 100%   हवा: N 0 km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

पलभर में समुंदर में तबाह होंगे दुश्मन के जलपोत, इंडियन नेवी को मिली NASM-SR; DRDO ने किया सफल परीक्षण
पलभर में समुंदर में तबाह होंगे दुश्मन के जलपोत, इंडियन नेवी को मिली NASM-SR; DRDO ने किया सफल परीक्षण
वीरेंद्र सचदेवा ने महाकुंभ में लगाई डुबकी, सीएम रेखा गुप्ता ने गौरीशंकर मंदिर में किया रुद्राभिषेक
वीरेंद्र सचदेवा ने महाकुंभ में लगाई डुबकी, सीएम रेखा गुप्ता ने गौरीशंकर मंदिर में किया रुद्राभिषेक
'मैं हिंदू हूं, मुझे धर्म बदलने की जरूरत नहीं', मुस्लिम जहीर इकबाल संग इंटरफेथ मैरिज पर बोलीं सोनाक्षी सिन्हा
'मैं हिंदू हूं, धर्म बदलने की जरूरत नहीं', जहीर संग शादी पर बोलीं सोनाक्षी सिन्हा
नैट साइवर-ब्रंट या दुनिया का 8वां अजूबा, अकेले दम पर यूपी को धो डाला; MI ने लगाई जीत की हैट्रिक
नैट साइवर-ब्रंट या दुनिया का 8वां अजूबा, अकेले दम पर यूपी को धो डाला; MI ने लगाई जीत की हैट्रिक
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

Mahakumbh का महाआयोजन, 45 दिनों में बने कई वर्ल्ड रिकॉर्ड | ABP News24 Ghante 24 Reporter: दिन की बड़ी खबरें | Bihar Cabinet Expansion | Mahakumbh 2025 | Delhi PoliticsJanhit with Chitra Tripathi: बिहार विजय का 'सत्ता' संदेश | Bihar Cabinet Expansion | Nitish KumarMahashivratri पर काशी विश्वनाथ के दर्शन करने पहुंचे नागा साधु | ABP News

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
पलभर में समुंदर में तबाह होंगे दुश्मन के जलपोत, इंडियन नेवी को मिली NASM-SR; DRDO ने किया सफल परीक्षण
पलभर में समुंदर में तबाह होंगे दुश्मन के जलपोत, इंडियन नेवी को मिली NASM-SR; DRDO ने किया सफल परीक्षण
वीरेंद्र सचदेवा ने महाकुंभ में लगाई डुबकी, सीएम रेखा गुप्ता ने गौरीशंकर मंदिर में किया रुद्राभिषेक
वीरेंद्र सचदेवा ने महाकुंभ में लगाई डुबकी, सीएम रेखा गुप्ता ने गौरीशंकर मंदिर में किया रुद्राभिषेक
'मैं हिंदू हूं, मुझे धर्म बदलने की जरूरत नहीं', मुस्लिम जहीर इकबाल संग इंटरफेथ मैरिज पर बोलीं सोनाक्षी सिन्हा
'मैं हिंदू हूं, धर्म बदलने की जरूरत नहीं', जहीर संग शादी पर बोलीं सोनाक्षी सिन्हा
नैट साइवर-ब्रंट या दुनिया का 8वां अजूबा, अकेले दम पर यूपी को धो डाला; MI ने लगाई जीत की हैट्रिक
नैट साइवर-ब्रंट या दुनिया का 8वां अजूबा, अकेले दम पर यूपी को धो डाला; MI ने लगाई जीत की हैट्रिक
'हैप्पी बर्थडे से पहले ही हो गया 'हैप्पी ब्लास्टडे', केक ने दिया झटका! लोगों के उड़े होश, देखें वीडियो
'हैप्पी बर्थडे से पहले ही हो गया 'हैप्पी ब्लास्टडे', केक ने दिया झटका! लोगों के उड़े होश, देखें वीडियो
कम फीस में संस्कृत के साथ-साथ शास्त्रीय विद्याओं में करनी है पढ़ाई तो इस सेंट्रल यूनिवर्सिटी में ले सकते हैं एडमिशन
कम फीस में संस्कृत के साथ-साथ शास्त्रीय विद्याओं में करनी है पढ़ाई तो इस सेंट्रल यूनिवर्सिटी में ले सकते हैं एडमिशन
क्या किसी भी देश में उतर सकता है कोई फाइटर प्लेन? जानें इसे लेकर क्या होते हैं नियम
क्या किसी भी देश में उतर सकता है कोई फाइटर प्लेन? जानें इसे लेकर क्या होते हैं नियम
मोटापा कम करने के लिए एक नंबर है हींग का पानी, जानें इसके गजब के फायदे
मोटापा कम करने के लिए एक नंबर है हींग का पानी, जानें इसके गजब के फायदे
Embed widget