लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के जिस डॉक्टर का पहली बार प्लाज्मा थेरेपी से इलाज किया गया था, उनकी शनिवार को दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई है. अस्पताल ने बयान में कहा है कि प्लाज्मा थेरेपी दिए जाने के बाद उनकी स्थिति में सुधार हुआ था और कोरोना की जांच में उनकी दो रिपोर्ट निगेटिव आई थी.


केजीएमयू के कुलपति प्रोफेसर एमएलबी भट्ट ने बताया, '58 साल के डॉक्टर केजीएमयू के कोरोना वायरस वार्ड में भर्ती थे. 14 दिन बाद मरीज की हालत स्थिर थी. प्लाज्मा थेरेपी देने के बाद उनके फेफड़ों में काफी सुधार आया था. दुर्भाग्य से उनके पेशाब की नली में संक्रमण हो गया था.'

कनाडा की एक महिला चिकित्सक ने केजीएमयू के कोरोना संक्रमित डॉक्टर को प्लाज्मा देया था. ये महिला पहले कोरोना वायरस से संक्रमित हुई थी और केजीएमयू में ही भर्ती थी.

इलाज के बाद पत्नी को दे दी गई छुट्टी
प्रोफेसर एमएलबी भट्ट ने बताया, 'पीड़ित डॉकटर पहले से ही हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज के मरीज थे. काफी दिनों से आइसोलेशन वार्ड में भर्ती थे. शनिवार शाम पांच बजे करीब उन्हें दिल का दौरा पड़ा. तमाम कोशिशों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका.'

भट्ट ने बताया, डॉक्टर की पत्नी भी जांच में कोरोना पॉजिटिव आई थी. लेकिन ईलाज के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी थी. उनकी भी दो रिपोर्ट निगेटिव आई थी.

यूपी के 71 जिलों में कोरोना, 3214 लोग संक्रमित
उत्तर प्रदेश के 71 जिलों में अबतक 3214 लोग कोरोना वायरस की चपेट में आ चुके हैं. इनमें से 66 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. हालांकि यहां रिकवरी रेट अच्छा है. कुल संक्रमितों में से 43 फीसदी यानी कि 1387 लोग ठीक होकर अस्पताल से डिस्चार्ज हो चुके हैं.

प्रमुख सचिव (स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने शनिवार को बताया था कि यूपी में कल 4,525 नमूनों की जांच की गई. साथ में 334 पूल टेस्टिंग भी की गई, जिनमें 25 पूल पॉजिटिव पाए गए. अब तक प्रदेश में कुल 1 लाख 24 हजार 791 नमूनों की जांच हो चुकी है. उन्होंने अपील करते हुए कहा कि संक्रमण से बचने के लिए लॉकडाउन के नियमों का कड़ाई से पालन करें, सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखें, साबुन-पानी से बार-बार हाथ धोते रहें और मास्क से मुंह को ढककर रखें.

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