IAS Success Story: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की ओर से आयोजित सिविल सेवा (Civil Service) परीक्षा 2021 का फाइनल रिजल्ट आज घोषित कर दिया गया. देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा में श्रुति शर्मा (Shruti Sharma) ने पहला स्थान हासिल किया है. श्रुति शर्मा उत्तर प्रदेश के बिजौर की रहने वाली है. श्रुति शर्मा सेंट स्टीफंस कॉलेज और जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी की छात्रा रह चुकी है. उन्होंने यूपीएससी की तैयारी जामिया मिलिया इस्लामिया में आवासीय कोचिंग एकेडमी में रहकर की थी.
देश की सर्वोच्च परीक्षा में टॉप करने पर श्रुति शर्मा और उनके परिवार के लोग बेहद खुश हैं. वहीं उनके कैंपस में भी खुशी का माहौल है. श्रुति ने यूपीएससी की तैयारी से लेकर इस दौरान उन्हें किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा अपना एक्सपीरियंस एबीपी न्यूज के साथ साझा किए.
रिजल्ट देख नहीं हुआ भरोसा
सिविल सेवा में टॉप करने के बाद श्रुति बहुत खुश है. अपनी इस सफलता पर श्रुति का कहना है कि उन्हें अभी तक विश्वास नहीं हो रहा है. श्रुति ने बताया कि उनका इंटरव्यू इतना अच्छा नहीं गया था. जब वो सिविल सेवा का इंटरव्यू देकर लौटी को खूब रोई थी. लेकिन फाइनल रिजल्ट देख उनकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा. उन्हें अभी तक यकीन नहीं हो पा रहा. श्रुति ने बताया कि सिविल परीक्षा में हिस्ट्री उनका ऑप्शन सब्जेक्ट था.
कभी नहीं गिने पढ़ाई के घंटे
श्रुति के मुताबिक सिविल परीक्षा की तैयारी के दौरान उन्होंने कभी भी पढ़ाई के घंटे नहीं गिने. उन्होंने बताया कि तैयारी के दौरान वह घड़ी की बजाय केवल एकाग्र होकर विषय पर ध्यान लगाती थी. श्रुति के बताया कि सिविल सेवा में सबसे बड़ी चुनौती मैटेरियल को सीमित करने की है. उन्होंने परीक्षा में पास होने के लिए केवल अपने द्वारा बनाए गए नोट्स पर फोकस किया. वह रोजाना अपने विषय में अखबार की खबर को जोड़ा करती थी. ऐसा करने से उन्हें निबंध लिखने में काफी मदद मिली. वहीं पढ़ने के उचित समय को लेकर श्रुति ने कहा कि कुछ लोग रात को अच्छा पढ़ते हैं. लेकिन मैं सुबह के वक्त ज्यादा अच्छे से पढ़ पाती हूं. सबके लिए अलग-अलग दिनचर्या काम करती है.
दूसरे अटेम्प्ट में मिली सफलता
सिविल सेवा में सर्वोच्च स्थान हासिल करने वाली श्रुति शर्मा का ये दूसरा अटेम्प्ट था. अपने पहले प्रयास में वह केवल एक नंबर से रह गई थी. लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. उन्होंने एक बार फिर से यूपीएससी परीक्षा में बैठने की ठानी. इस बार श्रुति ने वो कर दिखाया जिसकी उम्मीद अकसर कम ही परीक्षार्थी करते हैं.
घर के माहौल से मिली मदद
श्रुति ने बाताया कि उनके घर पर शुरुआत से ही पढ़ाई को लेकर काफी सख्त माहौल रहा है. उनकी माता शुरू से ही बच्चों की पढ़ाई को लेकर काफी स्ट्रिक्ट रही हैं. वह अकसर हमें पढ़ाई करने के लिए प्रेरित करती रहती थी. घर पर पढ़ाई-लिखाई का माहौल होने के कारण ही परीक्षा को उत्तीर्ण करने में काफी मदद मिली.
पढ़ाई के साथ मनोरंज जरूरी
श्रुति ने बताया कि अकसर लोग सिविल सेवा और अन्य दूसरे एग्जाम की तैयारी के दौरान खुद को पूरी तरह से सभी चीजों से अलग कर लेते हैं. कई बार देखा गया है कि कुछ लोग परीक्षा में फोकस करने के लिए खुद को सोशल मीडिया से अलग कर लेते हैं. लेकिन मेरे साथ कुछ उल्टा है, मेरे लिए जरूरी था कि पढ़ने के बाद मुझे ब्रेक चाहिए होते हैं. पढ़ाई से ब्रेक के दौरान मैं वॉक करना, पिक्चर देखना बहुत पंसद करती हूं. श्रुति ने बताया कि इस समय वह स्ट्रेंजर थिंग्स सीरीज देख रही हैं क्योंकि इस समय वह ब्रेक पर हैं. श्रुति ने बताया कि उनकी साहित्य में काफी रूचि है. वह जब भी मौका मिलता है अच्छे उपन्यास पढ़ती रहती है.
रिजल्ट सुन भावुक हुए पिता
आज जब सिविल सेवा का रिजल्ट देख मैं काफी खुश थी. लेकिन जब मैंने अपने पिता को रिजल्ट के बारे में उन्हें फोन पर बताया तो वह यह सुनकर की उनकी बेटी ने देश की सर्वोच्च परीक्षा में टॉप किया है बहुत भावुक हो गए. श्रुति ने बताया कि ये उनकी जिंदगी का सबसे यादगार पल है. इस सफलता को परिवार और दोस्तों के साथ सेलिब्रेट किया जाएगा. खुशी के इस मौके पर दोस्तों और परिवार के साथ कहीं घूमने जायेंगे.
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