अमेरिका ने मिसाइल टेस्ट के बाद ईरान को ‘नोटिस पर’ रखा
एबीपी न्यूज़/एजेंसी
Updated at:
02 Feb 2017 02:32 PM (IST)
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वॉशिंगटन: अमेरिका ने बैलिस्टिक मिसाइल का टेस्ट करने के कारण ईरान को ‘नोटिस पर’ रखा और नुकसान पहुंचाने वाली इस कार्रवाई के लिए परिणाम भुगतने की चेतावनी दी. इस कदम के साथ अमेरिका ने तेहरान के खिलाफ कड़े रुख अपनाने के संकेत दे दिये हैं और यह रुख दोनों देशों के बीच नये सिरे से टकराव का मंच तैयार कर सकता है. अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइकल फ्लिन ने कहा, ‘‘हम आधिकारिक रूप से ईरान को नोटिस पर रख रहे हैं.’’ इस घोषणा से इस बात का संकेत मिला है कि ईरान के साथ कूटनीतिक संबंध बनाने की पूर्व ओबामा प्रशासन की नीति पर पानी फिर सकता है. इस नीति के कारण साल 2015 में ईरान परमाणु समझौता हुआ था.
फ्लिन ने कहा कि रविवार को ‘उकसाने वाली’ हरकत करते हुये बैलिस्टिक मिसाइल का टेस्ट करने और ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों के सउदी अरब के एक नौसैनिक पोत पर हमला करने जैसे हालिया ईरानी कदम क्षेत्र में ‘ईरान के अस्थिर करने वाले व्यहवार को जगजाहिर किया है और यह बात अंतरराष्ट्रीय समुदाय को साफ होनी चाहिए.’ सलाहकार ने कहा कि ईरान में मिसाइल टेस्ट किया जाना संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के प्रस्ताव 2231 का उल्लंघन है. ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद ईरान का यह पहला मिसाइल टेस्ट है.
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वॉशिंगटन: अमेरिका ने बैलिस्टिक मिसाइल का टेस्ट करने के कारण ईरान को ‘नोटिस पर’ रखा और नुकसान पहुंचाने वाली इस कार्रवाई के लिए परिणाम भुगतने की चेतावनी दी. इस कदम के साथ अमेरिका ने तेहरान के खिलाफ कड़े रुख अपनाने के संकेत दे दिये हैं और यह रुख दोनों देशों के बीच नये सिरे से टकराव का मंच तैयार कर सकता है. अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइकल फ्लिन ने कहा, ‘‘हम आधिकारिक रूप से ईरान को नोटिस पर रख रहे हैं.’’ इस घोषणा से इस बात का संकेत मिला है कि ईरान के साथ कूटनीतिक संबंध बनाने की पूर्व ओबामा प्रशासन की नीति पर पानी फिर सकता है. इस नीति के कारण साल 2015 में ईरान परमाणु समझौता हुआ था.
फ्लिन ने कहा कि रविवार को ‘उकसाने वाली’ हरकत करते हुये बैलिस्टिक मिसाइल का टेस्ट करने और ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों के सउदी अरब के एक नौसैनिक पोत पर हमला करने जैसे हालिया ईरानी कदम क्षेत्र में ‘ईरान के अस्थिर करने वाले व्यहवार को जगजाहिर किया है और यह बात अंतरराष्ट्रीय समुदाय को साफ होनी चाहिए.’ सलाहकार ने कहा कि ईरान में मिसाइल टेस्ट किया जाना संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के प्रस्ताव 2231 का उल्लंघन है. ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद ईरान का यह पहला मिसाइल टेस्ट है.
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