कानपुर: गर्मी के चलते बढ़ी गुजराती, अहमदाबादी और इलाहाबादी मटकों की डिमांड, फ्रिज के पानी से बच रहे हैं लोग
ज्यों ज्यों पारा अपने चरम पर पहुंच रहा है गर्मी अपने रौद्र रूप में आ रही है। ऐसे परिस्थिति में शरीर पानी की मांग ज्यादा करने लगता है। प्यास बहुत लगती है। लिहाजा कानपुर में मटकों की डिमांड बढ़ गई है। ये मटकें काफी डिजायनर हैं और लोगों को आकर्षित कर रहे हैं।
कानपुर, प्रभात अवस्थी. कोरोना संक्रमण काल में लगातार बढ़ रही गर्मी में लोग परेशान हैं. यही नहीं इसके चलते प्यास भी खूब लग रही है. ठंडे पानी से ही प्यास बुझ रही है. लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि इस समय फ्रिज द्वारा ठंडा किया गया पानी पीने से बचें. लिहाजा बाजारों में मटकों की डिमांड बहुत बढ़ गयी है. बाजार में स्टाइलिश मटकों की भरमार है. बाजार में इस बार अहमदाबादी, गुजराती और इलाहाबादी मटकों की तरफ लोग आकर्षित हो रहे हैं. बाजार में ये मटके हाथों हाथ बिक रहे हैं.
डिजायनक मटके
मटकी विक्रेता संदीप ने बताया कि पिछले साल की अपेक्षा इस साल घड़ों की बिक्री ज्यादा हो रही है. वजह है कि डॉक्टरों ने फ्रिज का पानी पीने से मना किया है. जिस कारण लोग घड़ों की ओर रुख कर रहे हैं. क्योंकि घड़ों का पानी किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाता है और प्राकृतिक रूप से पानी को ठंडा रखता है.
यही नहीं मटका विक्रेता ने बताया कि अहमदाबादी और गुजराती मटके आम मटकों से बिल्कुल अलग हैं और देखने में आकर्षक लगते हैं. यही कारण है कि ये मटके लोगों की पहली पसंद बन गये हैं.
फ्रिज का पानी हो सकता है नुकसानदेह
डॉक्टरों की सलाह के मुताबिक इस संक्रमण काल के दौरान ज्यादा ठंडा पानी पीने से जुकाम, गला खराब होने का ज्यादा खतरा रहता है. ऐसे में कोरोना संक्रमण के होने की आशंका बनी रहती है. इसलिये फ्रिज के पानी का प्रयोग कम करें. मटका या सुराही ये प्राकृतिक मिट्टी से बने होते हैं, इनका पानी एक सीमा तक ही ठंडा होता है और नुकसान नहीं करता है.
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