पीठ पर बंदूक रखकर जब भारतीय सेना के जवान से कहा गया सरेंडर, देखिए Video
उत्तराखंड के औली में भारतीय सेना और यूएस आर्मी का युद्धाभ्यास चल रहा है. ये पहली बार है जब किसी मित्र देश की सेना के साथ 10 हजार फिट की ऊंचाई पर अभ्यास हो रहा है.

अगर कोई आतंकी या बदमाश अपने चार-पांच साथियों के साथ किसी को गन प्वाइंट पर घेर ले तो कोई क्या ही कर सकता है. लेकिन ऐसी गलती अगर कोई भारतीय सेना के जवान के साथ कर दे उसकी हड्डी-पसली टूटने में देर नहीं लगेगी. ऐसा ही एक वीडियो सामने आया है.
न्यूज एजेंसी ANI की ओर से जारी एक वीडियो को देखकर कोई भी दांतों तले उंगली दबा लेगा. दरअसल इस समय उत्तराखंड के औली में भारतीय सेना और अमेरिकन आर्मी एक संयुक्त युद्धाभ्यास कर रही है. ये इलाका चीन की सीमा के पास ही है.
अभ्यास की तस्वीरें और वीडियो सेना की ओर से भी जारी किए जा रहे हैं. अभ्यास के दौरान भारतीय सैनिक अमेरिकन आर्मी को दिखाता है कि अगर कोई पीठ पर बंदूक सटाकर सरेंडर करने के लिए बोले तो कैसे बचाव किया जा सकता है.
वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे उस जवान ने फुर्ती दिखाकर पीठ पर गन सटाए एक दूसरे जवान की बंदूक छीन लेता है. इसके बाद अकेले ही बाकी लोगों से भिड़कर अपनी जान बचा लेता है. वीडियो ये भी देखा जा सकता है कि भारतीय सेना के इस जवान की क्षमता को अमेरिकन सैनिक भी देख रहे हैं.
#WATCH | Display of unarmed combat skills by Indian Army soldiers during the Exercise Yuddh Abhyas going on in Auli, Uttarakhand pic.twitter.com/oabHfKttnX
— ANI (@ANI) November 29, 2022
इस युद्धाभ्यास को लेकर अमेरिकन सेना ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से भी एक ट्वीट किया गया है. अमेरिकन सेना ने फोटो शेयर लिखा है, ' नंदा देवी, दुनिया की दूसरी सबसे ऊंची पर्वतमाला पर कैप्टन सैरुट, लेफ्टिनेंट रसेल, लेफ्टिनेंट ब्राउन और लेफ्टिनेंट हैक, अमेरिकन सेना के पहले 4 अधिकारी होंगे जिनका प्रमोशन हिमालय की चोटियों पर चल रहे युद्धाभ्यास के दौरान किया जाएगा.
भारतीय सेना और यूएस आर्मी के बीच यह युद्धाभ्यास इसलिए भी अहम है क्योंकि जिस जगह पर ये हो रहा है वहां से चीन की सीमा मात्र 100 किलोमीटर की दूरी पर है. पूरी दुनिया में भारत की ही एकमात्र सेना है जिसने पहाड़ों पर सबसे ज्यादा संघर्ष किया है और इन इलाकों में लड़ने का इसी सेना के पास अनुभव है.
इस अमेरिकन सैनिकों के लिए युद्धाभ्यास का मकसद पहाड़ों के कठिन हालात में दुश्मन कैसे सामना किया जाए ये सीखना है. वहीं भारतीय सेना अमेरिकी सेना की तकनीकी क्षमता को आजमाएगी.
ये पहली बार है किसी मित्र देश की सेना के साथ 10 हजार फिट की ऊंचाई पर युद्धाभ्यास हो रहा है. अमेरिका के साथ इससे पहले जितनी बार भी ड्रिल हुई है वो राजस्थान के मैदान में हुई है.
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