एक्सप्लोरर

साल 1951 से 2023 के बीच बढ़े 6 गुना वोटर, गांव के युवा बढ़ चढ़कर कर लेते हैं मतदान में हिस्सा

RTI से मिले आंकड़ों के अनुसार भारत की कुल आबादी में 4.85 करोड़ 18 से 19 साल के युवा हैं. हैरानी की बात ये है कि इनमें से 3.42 करोड़ मतदाताओं ने अपना नाम वोटर लिस्ट में शामिल ही नहीं किया है.

भारत में हर साल तेजी से मतदाताओं की संख्या बढ़ रही है. साल 1951 में जब पहले आम चुनाव के लिए मतदाता सूची तैयार की गई थी तब भारत में वोट देने वाले पंजीकृत लोगों की संख्या 17.32 करोड़ थी. उस वक्त हमारे देश की आबादी का कुल 45.67 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था. वहीं इस साल तैयार किए गए मतदाता सूची में यह संख्या 95.50 करोड़ से ज्यादा हो गई है.

हमारे देश में बीते कुछ सालों में पंजीकृत मतदाताओं की संख्या बढ़ी है और चुनाव में वोटों का प्रतिशत भी. हालांकि 95.50 करोड़ मतदाताओं में से लगभग एक-तिहाई मतदाताओं ने पिछले लोकसभा चुनाव में अपने मताधिकार का इस्तेमाल नहीं किया. यही कारण है कि निर्वाचन आयोग ज्यादा से ज्यादा मतदाताओं को मतदान केंद्रों पर लाने का  प्रयास कर रहा है.

आंकड़ों से समझते हैं मतदाताओं की संख्या कब कितनी रही 

  • साल 1957 के आम चुनाव में पंजीकृत मतदाताओं की संख्या 19.37 करोड़ थी जो कि कुल आबादी का 47.74 प्रतिशत था. जिसका मतलब है कि उस साल 19.37 करोड़ मतदाताओं ने वोट दिया था. निर्वाचन आयोग ने ज्यादा से ज्यादा लोगों को मतदान के लिए प्रेरित करने के लिए कई तरह की योजनाएं शुरू कीं.
  • मतदान प्रतिशत को 75 फीसदी तक ले जाने की चर्चा के बीच निर्वाचन आयोग ने उन 30 करोड़ मतदाताओं के मुद्दे को उठाया जो 2019 के लोकसभा चुनाव में मतदान करने नहीं पहुंचे. इन 30 करोड़ मतदाताओं की श्रेणी में शहरी क्षेत्र के लोग, युवा और प्रवासी शामिल हैं.
  • साल 1962 के आम चुनाव में पहली बार चुनावी प्रक्रिया में लोगों की भागीदारी 50 प्रतिशत से ज्यादा हो गई जब 21.64 करोड़ मतदाताओं में से 55.42 प्रतिशत ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था. 
  • साल 2009 तक पंजीकृत मतदाताओं की कुल संख्या 71.70 करोड़ हो गई थी लेकिन मतदान प्रतिशत केवल 58.21 प्रतिशत था, जो 1962 के मुकाबले मतदान प्रतिशत में मामूली वृद्धि थी.
  • साल 2014 के आम चुनाव में पंजीकृत मतदाताओं की संख्या 83.40 करोड़ थी और मतदान प्रतिशत 66.44 तक बढ़ गया.  
  • साल 2019 के आम चुनाव में 91.20 करोड़ पंजीकृत मतदाता थे और 67.40 प्रतिशत मतदाता मतदान केंद्रों पर वोट डालने पहुंचे थे. इस साल एक जनवरी को कुल मतदाताओं की संख्या 94,50,25,694 थी.

निर्वाचन आयोग उठाता रहा है ये बड़ा मुद्दा

निर्वाचन आयोग ने हाल ही में हिमाचल प्रदेश और गुजरात में हुए विधानसभा चुनाव में शामिल हुए मतदाताओं को देखते इस मुद्दे को उठाते हुए कहा था कि गांव की में तुलना शहरी युवा मतदाता अपने वोट का इस्तेमाल कम कर रहे हैं. 

 वहीं साल 2023 में कई राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों और अगले साल प्रस्तावित लोकसभा चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर निर्वाचन आयोग ने लक्ष्य मतदान प्रतिशत को बढ़ाना का लक्ष्य निर्धारित किया है.

मतदाताओं की संख्या बढ़ाने के लिए विशेष योजना 

  • 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले 18-19 आयु वर्ग के युवा मतदाताओं की संख्या बढ़ाने पर ज्यादा ध्यान दिया जाए. 
  • सभी राज्यों में महिला-पुरुष मतदाता अनुपात को सुधारने के लिए महिला मतदाताओं को जागरुक किया जा रहा है. 
  • अपना घर छोड़कर दूसरे शहर या राज्यों में रह रहे प्रवासी भी चुनाव में वोट डाल सकें, इसके लिए चुनाव आयोग रिमोट वोटिंग मशीन पर काम कर रहा है. 

क्या है रिमोट वोटिंग सिस्टम 

रिमोट वोटिंग मशीन यानी आरवीएम के बारे में सबसे पहले जानकारी बीते साल 29 दिसंबर को सामने आई थी. चुनाव आयोग ने इसके बारे में बताते हुए कहा था कि आरवीएम के जरिये घरेलू प्रवासी नागरिक यानी अपने गृह राज्य से बाहर रह रहे मतदाता भी वोट डाल सकते हैं. उदाहरण के तौर पर अगर कोई मतदाता कानपुर में पैदा हुआ है और किसी कारण से दूसरे राज्य या किसी अन्य जगह रह रहा है. इस स्थिति में वो मतदाता वोट नहीं कर पाता है. आरवीएम की मदद से ऐसे मतदाताओं को भी वोटिंग का अधिकार दिया जाएगा. ईवीएम की तरह ही आरवीएम के लिए किसी तरह के इंटरनेट या कनेक्टिविटी की जरूरत नहीं होती है.

क्यों पड़ी आरवीएम की जरूरत?

चुनाव आयोग की मानें तो रिमोट वोटिंग मशीन अपने निर्वाचन क्षेत्र से दूर रहने वाले मतदाताओं को वोट करने के लिए प्रेरित करेगी. आरवीएम से निर्वाचन क्षेत्र से दूर रह रहे मतदाताओं को इस तरह की सुविधा मिलेगी तो निश्चित तौर पर वो मतदान करने के लिए आएंगे.

चुनावों में वोटिंग प्रतिशत की बात करें तो भारत में आज भी बड़ी संख्या में मतदाता वोटिंग नहीं कर पाते हैं. चुनाव आयोग ने इसके पीछे के कारणों को जानने की कोशिश की. चुनाव आयोग के अनुसार, लोगों के वोट न देने के तीन बड़े कारण सामने आए, जिनमें शहरों में चुनाव के प्रति उदासीनता, युवाओं की कम भागीदारी और प्रवासी नागरिकों का दूर रहना.

दरअसल, बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं, जो मताधिकार का इस्तेमाल करना चाहते हैं, लेकिन बाहर रहने के वजह से वोट देने से वंचित रह जाते हैं. चुनाव आयोग का मानना है कि आरवीएम से वोट प्रतिशत बढ़ेगा.

3.42 करोड़ युवा नहीं है वोटर लिस्ट में शामिल

साल 2018 में RTI से मिले आंकड़ों के अनुसार भारत की कुल आबादी में 4.85 करोड़ 18 से 19 साल के युवा हैं. हैरानी की बात ये है कि इनमें से 3.42 करोड़ मतदाताओं ने अपना नाम वोटर लिस्ट में शामिल ही नहीं किया है. जिसका मतलब है कि चुनाव आयोग उनका नाम वोटर लिस्ट में दर्ज करने में नाकाम रहा है.

आयोग के आंकड़ों के अनुसार देश में 18 से 19 आयु वर्ग की अनुमानित जनसंख्या का केवल 29.49 प्रतिशत (1.43 करोड़) 1 जनवरी, 2018 तक मतदाता सूची में पंजीकृत हैं. 

भारत की कुल अनुमानित जनसंख्या 137.63 करोड़ है और उनमें से 87.75 फीसदी लोग वोट देने की योग्यता रखते हैं. लेकिन केवल 63.75 फीसदी मतदाताओं ने ही अपना नाम वोटर लिस्ट में रजिस्टर करवाया है.

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

Delhi Assembly Elections: BJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?
BJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?
Axis My India Exit Poll 2024: मराठवाड़ा से मुंबई तक, महाराष्ट्र के किस रीजन में कौन मार रहा बाजी? एग्जिट पोल में सबकुछ साफ
मराठवाड़ा से मुंबई तक, महाराष्ट्र के किस रीजन में कौन मार रहा बाजी? एग्जिट पोल में सबकुछ साफ
Shah Rukh Khan Death Threat: शाहरुख खान को मारने की धमकी देने वाले शख्स के थे ये खतरनाक मंसूबे, हुआ खुलासा
शाहरुख खान को मारने की धमकी देने वाले शख्स के थे ये खतरनाक मंसूबे, हुआ खुलासा
Virender Sehwag Son: जैसा पिता, वैसा बेटा! वीरेंद्र सहवाग के नाम 6 दोहरे शतक, अब 17 साल के बेटे ने किया कमाल
जैसा पिता, वैसा बेटा! वीरेंद्र सहवाग के नाम 6 दोहरे शतक, अब 17 साल के बेटे ने किया कमाल
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

Maharahstra assembly elections 2024: महाराष्ट्र की 47 सीटों के नए Exit Poll में महायुति को मिल रही 38+ सीटें | Elections 2024Arvind Kejriwal News: Delhi चुनाव से पहले शराब घोटाले में केजरीवाल को बड़ा झटका! | ABP NewsBJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?बाबा बागेश्वर की 'सनातन हिन्दू एकता' पदयात्रा शूरू | ABP News

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
Delhi Assembly Elections: BJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?
BJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?
Axis My India Exit Poll 2024: मराठवाड़ा से मुंबई तक, महाराष्ट्र के किस रीजन में कौन मार रहा बाजी? एग्जिट पोल में सबकुछ साफ
मराठवाड़ा से मुंबई तक, महाराष्ट्र के किस रीजन में कौन मार रहा बाजी? एग्जिट पोल में सबकुछ साफ
Shah Rukh Khan Death Threat: शाहरुख खान को मारने की धमकी देने वाले शख्स के थे ये खतरनाक मंसूबे, हुआ खुलासा
शाहरुख खान को मारने की धमकी देने वाले शख्स के थे ये खतरनाक मंसूबे, हुआ खुलासा
Virender Sehwag Son: जैसा पिता, वैसा बेटा! वीरेंद्र सहवाग के नाम 6 दोहरे शतक, अब 17 साल के बेटे ने किया कमाल
जैसा पिता, वैसा बेटा! वीरेंद्र सहवाग के नाम 6 दोहरे शतक, अब 17 साल के बेटे ने किया कमाल
‘इंडिया की बाइक्स चला रहे और पाकिस्तानियों पर लगा दिया बैन‘, यूएई के शेख पर भड़की PAK की जनता
‘इंडिया की बाइक्स चला रहे और पाकिस्तानियों पर लगा दिया बैन‘, यूएई के शेख पर भड़की PAK की जनता
ठंड शुरू होते ही ऐसे बनाएं मक्के दी रोटी और सरसों का साग, ये रही रेसिपी
ठंड शुरू होते ही ऐसे बनाएं मक्के दी रोटी और सरसों का साग, ये रही रेसिपी
10 मिनट स्पॉट जॉगिंग या 45 मिनट वॉक कौन सी है बेहतर, जानें इसके फायदे
10 मिनट स्पॉट जॉगिंग या 45 मिनट वॉक कौन सी है बेहतर, जानें इसके फायदे
'बैलिस्टिक मिसाइल हमले पर चुप रहना', जब रूसी प्रवक्ता को लाइव प्रेस कॉन्फ्रेंस में आया कॉल
'बैलिस्टिक मिसाइल हमले पर चुप रहना', जब रूसी प्रवक्ता को लाइव प्रेस कॉन्फ्रेंस में आया कॉल
Embed widget