पिछले हफ्ते 21 मार्च को कुछ अज्ञात लोगों ने बीरभूमि जिले के रामपुर हाट में दस घरों में आग लगा कर आठ लोगों की हत्या कर दी थी. इस मामले में संज्ञान लेते हुये कलकत्ता हाईकोर्ट ने इस मामले में सीबीआई जांच के आदेश दिये थे. अब इसी मामले की जांच में जुटी सीबीआई ने 21 लोगों को आरोपी बनाया है. 


गौरतलब है कि सीबीआई की 30 सदस्यीय टीम पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के रामपुरहाट पहुंच गई थी और उसने वहां पर हिंसा की जांच शुरू कर दी थी. आपको बता दें कि पिछले हफ्ते हुई हिंसा में दस घरों को आग लगा दी गई थी. जिसमें महिलाओं और बच्चों समेत कुल 8 लोगों की मौत हो गई थी. 


टीएमसी के स्थानीय नेता की हत्या के बाद हुई थी हिंसा


वहीं अधिकारी के अनुसार खुद को तीन समूहों में बांटते हुए डीआईजी अखिलेश सिंह की अध्यक्षता में सीबीआई की एक टीम ने गांव के पूरबपाड़ा इलाके का दौरा किया जहां टीएमसी के स्थानीय नेता भादू शेख की हत्या के बाद इतनी विभत्स हत्या हुई थी.


सूत्रों के मुताबिक सनिवार को सीबीआई टीम बोगतुई में पांच घंटे रही, जहां वह सबसे पहले सोनू शेख के घर गई जहां से बुरी तरह से झुलस चुके सात लोगों के शव बरामद हुए थे. सीबीआई टीम ने सोनू शेख के घर और वहां मृत मिले लोगों के अवशेषों की जांच की जिसके बाद वह पड़ोस में फटीक शेख व मिहिलाल शेख सहित अन्य लोगों के घर गई थी.


क्या घटना के पीछे था और भी कोई कारण


वहीं केंद्रीय फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (CSFL)के कर्मचारियों के साथ वीडियोग्राफी करने के अलावा सीबीआई टीम ने इलाके की 3-डी स्कैनिंग की और घटनास्थल से नमूने इकट्ठे किए. एक अन्य अधिकारी ने कहा कि इस बात की भी जांच की गई कि क्या आग घरों में बाहर से लोगों द्वारा लगाई गई थी या फिर घटना के पीछे कोई और कारण था.


अधिकारियों के अनुसार घटना के चश्मदीदों से पूछताछ करने की योजना है और इलाके के सभी बाशिंदों की विस्तृत सूची तैयार की जा रही है. अधिकारी ने कहा कि चश्मदीदों और अन्य ग्रामीणों से बात करना जरूरी है. हम स्थानीय लोगों की सूची तैयार कर रहे हैं. 


जांच के लिए बीरभूम में ही रहेगी सीबीआई की टीम 


सीबीआई टीम जांच के लिए बीरभूम में ही रहेगी. अधिकारी के अनुसार सीबीआई की एक अन्य टीम रामपुरहाट पुलिस थाने गई और जांच के सिलसिले में केस डायरी और अन्य संबंधित दस्तावेजों का अध्ययन किया गया.


सीबीआई अधिकारियों ने शनिवार को आईजी (बर्धमान रेंज) बीएल मीणा और बीरभूम जिले के पुलिस अधीक्षक नागेंद्र त्रिपाठी के साथ भी बैठक की. कलकत्ता उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को बीरभूम हिंसा की तहकीकात सीबीआई को सौंप दी थी और जांच में हुई प्रगति की रिपोर्ट जमा करने के लिए सात अप्रैल की समयसीमा तय की थी.


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