National Education Policy: पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री ब्रत्या बसु ने मंगलवार को कहा कि राज्य पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) थोपने के केंद्र सरकार के प्रयासों को राज्य सरकार स्वीकार नहीं करेगी क्योंकि बंगाल की अपनी संस्कृति और शिक्षा प्रणाली है. बसु ने आगाह किया कि चूंकि शिक्षा समवर्ती सूची में है, इसलिए केंद्र सरकार को नई नीति के माध्यम से अपना नजरिया थोपने का प्रयास नहीं करना चाहिए.
बसु ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘संविधान में शिक्षा समवर्ती सूची में है. यह एक नाजुक विषय है. अगर भारतीय जनता पार्टी (BJP) नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ‘तुगलकी’ रवैया अपनाने की कोशिश करती है तो हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे.’’ पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘हमें जहां भी कुछ कहना होगा, हम अपने विचार रखेंगे. जो कुछ भी स्वीकार करने लायक होगा, हम उसे स्वीकार करेंगे. हम मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश के अनुसार इस पर फैसला करेंगे.’’
केंद्र का राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर फोकस
केंद्र सरकार का राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर पूरा फोकस है. केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मंगलवार (16 नवंबर) को शिक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर इसके कार्यान्वयन की समीक्षा की. केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बैठक के दौरान प्रोफेशनल एजुकेशन में स्थानीय भाषाओं के इंटीग्रेशन पर जोर दिया, इसके साथ ही उन्होंने स्थानीय भाषाओं में व्यावसायिक शिक्षा की भी बात की. धर्मेंद्र प्रधान ने ट्वीट कर कहा कि केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष सरकार और शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के साथ राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कार्यान्वयन की स्थिति की समीक्षा की. फास्ट-ट्रैकिंग कार्यान्वयन के लिए आगे की राह पर भी चर्चा की.
प्रधान ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि भविष्य की दृष्टि, स्थानीय जुड़ाव और वैश्विक दृष्टिकोण के साथ हम NEP के दृष्टिकोण को वास्तविकता में बदलने और एक अधिक जीवंत शिक्षा ईकोसिस्टम विकसित करने की दिशा में काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति 21 सदी के भारत की नींव रखेगी.
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