West Bengal: फर्जी वैक्सीनेशन के असर की जांच करने के लिए ममता सरकार ने बनाई एक्सपर्ट कमेटी
कोलकाता में एक फर्जी कोविड वैक्सीनेशन कैंप लगाकर तमाम लोगों को वैक्सीनेट करने का मामला सामने आया है, जिसके बाद राज्य सरकार ने यह कदम उठाया है.
Fake Vaccination: पश्चिम बंगाल की सरकार ने कोलकाता में हुए फर्जी वैक्सीनेशन मामले को लेकर 4 सदस्यों की एक एक्सपर्ट कमेटी का गठन कर दिया है. यह कमेटी जल्द ही फर्जी वैक्सीन के असर की जांच कर रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपेगी. कमेटी यह भी बताएगी कि जिन लोगों को यह फर्जी वैक्सीन लगाई गई, उनके लिए क्या जरूरी कदम उठाने चाहिए. इस रिपोर्ट के बाद ममता सरकार पीड़ित लोगों का मेडिकल परीक्षण कराएगी.
कमेटी में ये एक्सपर्ट हैं शामिल
राज्य सरकार के मुताबिक इस कमेटी में कुल चार सदस्य हैं. इनमें प्रो. शांतनु त्रिपाठी, डॉ. ज्योतिरमॉय पाल, डॉ. सौमित्र घोष और डॉ. जीके ढाली शामिल हैं. ये सभी एक्सपर्ट फर्जी वैक्सीनेशन का शिकार हुए सभी लोगों पर फर्जी वैक्सीनेशन के असर को लेकर जांच कर रिपोर्ट तैयार करेंगे. साथ ही ये बताएंगे कि लोगों की सुरक्षा के लिए कौन से जरूरी कदम उठाने चाहिए.
क्या है पूरा मामला
कोलकाता के कसबा इलाके में यह फर्जी कोविड वैक्सीनेशन कैंप लगाया गया था, जिसमें तमाम लोगों के अलावा तृणमूल कांग्रेस की सांसद मिमी चक्रवर्ती ने टीके की खुराक ली थी. चक्रवर्ती को टीकाकरण की प्रक्रिया पर उस समय शक हुआ जब उन्हें एसएमएस नहीं आया, जो वैक्सीन की डोज लेने वाले लोगों के फोन पर आता है. इसके बाद चक्रवर्ती ने इसकी शिकायत पुलिस में की. पुलिस की जांच में फर्जी वैक्सीनेशन का खुलासा हो गया.
पुलिस ने इस मामले में कई लोगों को किया गिरफ्तार
कोलकाता में संदिग्ध कोविड टीकाकरण शिविर के संबंध में फर्जी आईएएस अधिकारी देबांजन देब के तीन और सहयोगियों को शनिवार सुबह गिरफ्तार किया गया. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस बारे में बताया. अधिकारी ने बताया कि देब के दो सहयोगी कोलकाता नगर निगम (केएमसी) के नाम से आरोपी द्वारा खोले गये बैंक खाते के हस्ताक्षरकर्ता थे. देब के मातहत काम करने वाला तीसरा आरोपी शिविर में काफी सक्रियता से हिस्सा ले रहा था, जहां कई लोगों को नकली टीके की खुराक दी गयी.
यह भी पढ़ेंः
आंदोलन के 7 महीनेः कई राज्यों में किसानों का प्रदर्शन, नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग