नई दिल्लीः आजादी के 74 साल बाद भी देश में ऐसे कई इलाके हैं, जहां बिजली का पहुंचना अब भी एक सपना जैसा ही है. देशभर में विद्युत की ज्यादा खपत को कम करने और ज्यादा से ज्यादा लोगों तक विद्युत और प्रकाश को पहुंचाने के लिए उजाला योजना (Unnat Jyoti by Affordable LEDs for All (UJALA)) की शुरुआत की गई.
इस योजना की शुरुआत पीएम नरेंद्र मोदी ने 1 मई 2015 को की थी. यह योजना केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय और विद्युत वितरण कंपनी के अधीन है. इसका उद्देश्य ऊर्जा के कुशल उपयोग को बढ़ावा देना है. जिसका मतलब है कि ऊर्जा की खपत, बचत और प्रकाश व्यवस्था को जन-जन तक पहुंचना.
UJALA योजना का उद्देश्य
UJALA योजना के तहत बिजली वितरण कंपनी की ओर से ग्रिड से जुड़े ग्राहक को सब्सिडी की दरों पर एलईडी बल्ब वितरित किए जाएंगे. इसके तहत कुल 200 मिलियन साधारण प्रकाश के बल्बों को हटाकर एलईडी बल्बों का इस्तेमाल करना था. इसके साथ ही 5000 मेगावाट के लोड में कमी लाना और 79 मिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड और ग्रीनहाउस गैसों के कारण होने वाले उत्सर्जन को कम करना था.
LED बल्ब के फायदे
UJALA योजना एलईडी बल्बों के वितरण पर ही अपना ध्यान केंद्रित करती है. ऐसा इसलिए क्योंकि किसी भी सामान्य बल्ब की तुलना में एलईडी बल्ब केवल इलेक्ट्रिसिटी का दसवां हिस्सा इस्तेमाल करके बेहतर प्रकाश उत्पादन प्रदान करता है. LED बल्ब विद्युत पर काफी कम लोड डालते हैं, जिससे उपभोक्ता को उसके बिल में भी राहत महसूस होती है. वहीं यह एलईडी बल्ब ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी और बिजली की बचत में अत्यधिक कुशल हैं.
मलेशिया में भी लागू हुई UJALA योजना
भारत में UJALA योजना के सफल कार्यान्वयन के बाद इस मॉडल को 6 सितंबर 2017 को मलेशिया के मलक्का में भी लागू किया गया था. मलेशिया में UJALA योजना को तत्कालीन मुख्यमंत्री मेलाका ने शुरू किया था. इस योजना का मुख्य फोकस उपभोक्ताओं पर पड़ने वाले बिजली बिल के बोझ को कम करना और बिजली की खपत में कमी लाना थी. UJALA योजना ने वैश्विक स्तर पर पर्यावरण के संरक्षण पर भी ध्यान केंद्रित किया.
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