दोबारा बीजेपी अध्यक्ष बनने के 6 बाद जेपी नड्डा ने शनिवार को अपनी नई टीम की घोषणा कर दी है. 38 नेताओं वाली बीजेपी की नई कार्यकारिणी में 13 उपाध्यक्ष और 8 महासचिव बनाए गए हैं. बीएल संतोष पहले की तरह ही पार्टी संगठन का काम देखते रहेंगे.


बीजेपी की नई कार्यकारिणी में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और राजस्थान को खास तरजीह मिली है. यूपी से 8, महाराष्ट्र से 4 और राजस्थान-छत्तीसगढ़ से 3-3 नेताओं को राष्ट्रीय कार्यकारिणी में जगह मिली है. यूपी के राजेश अग्रवाल दूसरी बार बीजेपी के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष बनाए गए हैं.


बीजेपी में अध्यक्ष, संगठन महामंत्री के बाद यह तीसरा सबसे महत्वपूर्ण पद है. दूसरी पार्टी से आए नेताओं को भी बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में बड़ी जिम्मेदारी मिली है. बीजेडी से आए बैजयंत पांडा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष तो कांग्रेस से आए अनिल एंटोनी सचिव नियुक्त किए गए हैं. 


टीम नड्डा की घोषणा के बाद सियासी गलियारों में 2 चर्चा जोरों पर है. 1. बीजेपी में क्या बदलेगा और 2. मोदी कैबिनेट का विस्तार कब होगा? ऐसे इस स्टोरी में इन्हीं दोनों चर्चाओं के बारे में विस्तार से जानने की कोशिश करते हैं...


पहले जानते हैं, मोदी कैबिनेट का विस्तार कब होगा?
नरेंद्र मोदी कैबिनेट में फेरबदल की अटकलें जुलाई के शुरुआत से ही लग रही है. इन अटकलों को बल तब मिला, जब प्रधानमंत्री मोदी के साथ अमित शाह और जेपी नड्डा ने करीब 4 घंटे तक बैठक की. सियासी गलियारों में कहा गया कि मानसून सत्र से पहले कैबिनेट विस्तार किया जा सकता है. हालांकि, यह नहीं हुआ.


अभी संसद का मॉनसून सत्र चल रहा है, जो 11 अगस्त को खत्म होगा. ऐसे में इसके बाद ही कैबिनेट विस्तार होने की चर्चा है. वहीं एक चर्चा यह भी है कि मोदी कैबिनेट का विस्तार 15 अगस्त के बाद हो सकता है. कैबिनेट में फेरबदल का विशेषाधिकार प्रधानमंत्री को होता है.


नई कार्यकारिणी से बीजेपी में क्या-क्या बदलेगा?


यूपी, महाराष्ट्र और तमिलनाडु को मिल सकता है नया प्रभारी
बीजेपी की नई कार्यकारिणी में शामिल कुछ नेताओं के पास पहले से जिम्मेदारी है. उत्तर प्रदेश के प्रभारी राधामोहन सिंह और महाराष्ट्र-तमिलनाडु के प्रभारी सीटी रवि को कार्यकारिणी से बाहर कर दिए गए हैं. ऐसे में इस बात की चर्चा है कि दोनों राज्यों में बीजेपी नए प्रभारी को तैनात कर सकती है. 


बीजेपी दक्षिण के तमिलनाडु पर खास फोकस कर रही है. माना जा रहा है कि बंदी संजय कुमार को तमिलनाडु का प्रभार दिया जा सकता है. संजय कुमार फायरब्रांड नेता माने जाते हैं. उनके पास सड़क पर संघर्ष का भी अनुभव है. 


उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में भी नए प्रभारी बनाए जाने की चर्चा जोरों पर है. सरोज पांडे को महाराष्ट्र का प्रभार मिल सकता है. पांडे महाराष्ट्र का चुनाव प्रभारी रह चुकी हैं. उत्तर प्रदेश को लेकर 2-3 नाम की चर्चा है. इनमें रघुबर दास और दुष्यंत गौतम का नाम प्रमुख हैं.


तीनों राज्यों में नया प्रभारी मिशन-2024 के मद्देनजर ही किया जाएगा. महाराष्ट्र, तमिलनाडु और यूपी में लोकसभा की 157 सीटें हैं. 2019 में बीजेपी को 157 में से 85 सीटों पर जीत मिली थी.


कर्नाटक, तेलंगाना और बंगाल को लेकर तस्वीर साफ होगी
नई लिस्ट में शामिल 2 महासचिव (सुनील बंसल और तरुण चुग) की ड्यूटी अभी तेलंगाना में बतौर प्रभारी लगाई गई है. इसी तरह बंगाल में भी सुनील बंसल के साथ कैलाश विजयवर्गीय है. यानी इन दोनों राज्यों में प्रभारी को लेकर बहुत कुछ स्पष्ट नहीं है.


वहीं अरुण सिंह के पास कर्नाटक के साथ-साथ राजस्थान और मुख्यालय की भी जिम्मेदारी है. राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सूची आने के बाद माना जा रहा है कि जल्द ही इन राज्यों प्रभारी को लेकर पूरी तस्वीर साफ हो जाएगी.


कर्नाटक में बीजेपी नए सिरे से संगठन में जान फूंकने की रणनीति पर काम कर रही है. वहां अभी तक प्रदेश अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष भी नहीं चुना गया है.


मोदी कैबिनेट से खत्म हुई इन नेताओं की दावेदारी
बीजेपी की नई कार्यकारिणी में उन नेताओं को जगह मिली है, जिनके नाम की अटकलें मोदी कैबिनेट के लिए लग रही थी. सरोज पांडे और लक्ष्मीकांत वाजपेई के मंत्री बनने की चर्चा थी, लेकिन दोनों को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी मिल गई है.


इसी तरह तेलंगाना बीजेपी अध्यक्ष से हटाए गए बंदी संजय कुमार के भी मंत्री बनने की चर्चा थी, लेकिन अब उन्हें महासचिव की कुर्सी मिली है. संगठन में शामिल होने की वजह से अब इन तीनों नेताओं की मोदी कैबिनेट में जाने की दावेदारी खत्म हो गई है. 


चर्चा इस बात की भी थी कि मोदी कैबिनेट के कुछ मंत्रियों को संगठन में भेजा जा सकता है. हालांकि, लिस्ट में एक भी मंत्रियों का नाम नहीं है. ऐसे में माना जा रहा है कि जिन मंत्रियों को अब कैबिनेट से हटाया जाएगा, उन्हें दूसरी जिम्मेदारी मिल सकती है.


वसुंधरा, रमन और रघुबर की राज्य वापसी पर सस्पेंस
बीजेपी ने राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुबर दास को फिर से उपाध्यक्ष बनाया है. नई लिस्ट के बाद इन तीनों के राज्य वापसी पर सस्पेंस बरकरार है. 


2018 में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में हार के बाद बीजेपी ने वसुंधरा, शिवराज और रमन को उपाध्यक्ष बनाया था. 2020 में शिवराज ने मध्य प्रदेश में वापसी कर ली और वहां मुख्यमंत्री बन गए. इधर, झारखंड हार के बाद रघुबर दास को शिवराज की जगह राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया. 


सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा थी कि राजस्थान और छत्तीसगढ़ में चुनाव की वजह से वसुंधरा और रमन सिंह अपने-अपने राज्य वापस जा सकते हैं. रघुबर दास के भी झारखंड से लोकसभा चुनाव लड़ने की अटकलें थी. 


नई लिस्ट ने सभी चर्चाओं पर फिलहाल विराम लगा दिया है. आने वाले वक्त में ही तस्वीर पूरी तरह साफ हो पाएगी.