बीते रविवार को नेपाल में येति एयरलाइंस का प्लेन क्रैश हो गया. हादसे के वक्त प्लेन में 72 लोग सवार थे. बताया जा रहा है कि प्लेन क्रैश में 70 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि दो लोगों का अभी तक कोई पता नहीं चल पाया है. इस प्लेन क्रेश को अब तक का सबसे भीषण विमान हादसा बताया जा रहा है. लेकिन सवाल ये उठता है कि आखिर नेपाल के आसमान में विमान हादसे इतने ज्यादा क्यों होते हैं.
नेपाल सरकार के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक 1955 से लेकर अब तक में 914 लोगों की मौत विमान हादसों में हो चुकी है. बता दें कि 1955 में नेपाल में पहला विमान हादसा हुआ था.
नेपाल में हुए बड़े हादसे
- मई 2022 में पोखरा से टेक ऑफ के वक्त हादसे में 16 नेपाली, 4 भारतीय, 2 जर्मन यात्रियों की मौत.
- 27 फरवरी 2019 को पूर्वी नेपाल में खराब मौसम के कारण प्लेन क्रैश में पर्यटन मंत्री समेता 7 लोगों की मौत.
- 12 मार्च 2018 में नेपाल की राजधानी के पहाड़ी हवाई अड्डे पर हादसे में 51 की मौत.
- 26 फरवरी 2016 को पश्चिमी नेपाल के कालीकोट विमान हादसे में दो लोगों की मौत.
- 24 फरवरी 2016 को खराब मौसम के कारण विमान दुर्घटना में 23 लोगों की मौत.
- 16 फरवरी 2014 को एक छोटे विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के कारण उसमें सवार 18 लोगों की मौत.
- 28 सितंबर 2012 को काठमांडू से उड़ान भरने वाला विमान एक पक्षी से टकराने से हुए प्लेन में 7 ब्रिटिश और 5 चीनी यात्रियों समेत 19 लोगों की मौत.
- 25 सितंबर 2011 को माउंट एवरेस्ट देखने जा रहे 19 विदेशी पर्यटकों का छोटा विमान काठमांडू के पास खराब मौसम में एक्सीडेंट का शिकार हो गया.
- 16 दिसम्बर 2010 में हिमालय की तलहटी में 22 यात्रियों से भरा एक विमान क्रैश में सभी लोगों की मौत हो गई.
- 24 अगस्त 2010 को खराब मौसम के कारण एक छोटा प्लेन क्रैश में 14 लोगों की मौत.
- 8 अक्टूबर 2008 को पूर्वोत्तर नेपाल की पहाड़ियों में विमान हादसे में 18 लोगों की मौत.
- 4 मार्च 2008 को नेपाल एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना 10 लोगों की मौत.
- 21 जून 2006 को हुए विमान हादसे में 9 लोगों ने की मौत. लैंडिंग से ठीक पहले हुआ हादसा.
- 25 मई 2004 को माउंट एवरेस्ट इलाके में एक छोटे विमान क्रैश में तीन लोगों की मौत.
- 22 अगस्त 2002 को विदेशी पर्यटकों से भरे एक विमान में खराब मौसम का क्रैश हुआ जिसमें 18 लोगों की मौत.
- 27 जुलाई 2000 को पश्चिमी नेपाल में एक ट्विन ओटर एयरप्लेन क्रैश. 25 लोगों की मौत.
- 31 जुलाई को 1992 एक थाई एयरवेज एयरबस A310 नेपाल में हादसे का शिकार हो गया इस हादसे में 113 लोगों की मौत.
- सितंबर 1992 में पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइन काठमांडू जाते वक्त हादसे का शिकार.167 लोगों की मौत.
क्यों होते हैं काठमांडू में इतने हादसे
काठमांडू का त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट समुद्र तल से 1,338 मीटर ऊपर एक संकरी घाटी में स्थित है. इसका मतलब है कि प्लेन के पास मुड़ने और नेविगेट करने के लिए बेहद कम जगह होती है.
वहीं वहां के दूर-दराज इलाकों में बनाई गई हवाई पट्टियों की स्थिति और भी खराब है. दरअसल इन हवाई पट्ट्यों का निर्माण मुख्य रूप से सिर्फ छोटे टेक-ऑफ और लैंडिंग में सक्षम विमान को संभालने के लिए किया गया था. इसके साथ ही नेपाल की टोपोग्राफी एक बड़ी चुनौती है जिसकी वजह से पायलटों का काम करना बेहद मुश्किल होता है.
खराब मौसम है प्लेन क्रैश का जिम्मेदार?
पहाड़ों में मौसम तेजी से बदलता है, हर पल बदलते मौसम के कारण पायलटों का विमान को नेविगेट करना मुश्किल होता है. बीते 60 सालों का प्लेन क्रैश रिकॉर्ड बताता है कि नेपाल में 92 प्रतिशत हवाई दुर्घटनाएं पर खराब मौसम, बादल और विजिबिलटी का कम होना होता है
पुराने विमान हादसों की वजह
विमान क्रैश होने की एक और बड़ी वजह विमानों में बेहतर राडार तकनीक की कमी भी है. दरअसल नेपाल में विमान पुराने हैं और इनमें मॉडर्न वेदर रडार नहीं होते हैं. जिसके कारण पायलट को रियल टाइम में मौसम की जानकारी नहीं मिलती है और हादसों का शिकार होते हैं. गौरतलब है कि यूरोपीय कमीशन ने नेपाली एयरलाइंस पर उनके खराब एविएशन रिकॉर्ड के कारण 28 देशों के ब्लॉक में उड़ान भरने पर बैन लगा रखा है.
सिविल एविएशन अथॉरिटी खुद है समस्या
नेपाल का उड्डयन प्राधिकरण सर्विस प्रोवाइडर और रेगुलेटर दोनों की जिम्मेदारी निभाता है. जिसकी वजह से सुरक्षा नियमों की बात आने पर यानि हितों का टकराव होता है. हादसों को देखते हुए यूरोपीय कमीशन और अंतराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संघ ने नेपाल में इन दोनों जिम्मेदारियों को अलग-अलग संस्थाओं को देने की सलाह दे चुका है. इतना ही नहीं नेपाल के चुनावों में भी यह मुद्दा उठ चुका है. राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी ने आम चुनाव में अपने घोषणापत्र में इन दो जिम्मेदारियों को अलग-अलग संस्थाओं को देने का वादा किया था.