क्या मई के पहले हफ़्ते में कोरोना का प्रकोप होने लगेगा धीमा ?
नीति आयोग के सदस्य और कोरोना के खिलाफ गठित टास्क फोर्स-एक के प्रमुख डाक्टर वी के पॉल ने देश में कोरोना के केस में बढ़ोतरी के ट्रेंड और उसके आधार पर भविष्य के प्रोजेक्शन का ग्राफ दिखाया.
नई दिल्ली: केंद्र सरकार की ओर से कोरोना पर रोज़ाना आयोजित होने वाली प्रेस कांफ्रेंस में आज सरकार के विशेषज्ञों ने देशवासियों को थोड़ी राहत देने वाली ख़बर सुनाई . सरकार की ओर से पहली बार ये संकेत दिया गया कि कोरोना संक्रमण की रफ़्तार में गिरावट आ रही है . नीति आयोग के सदस्य और कोरोना के खिलाफ गठित टास्क फोर्स-एक के प्रमुख डाक्टर वी के पॉल ने देश में कोरोना के केस में बढ़ोतरी के ट्रेंड और उसके आधार पर भविष्य के प्रोजेक्शन का ग्राफ दिखाया. वी के पॉल ने ग्राफ़ के ज़रिए बताया कि लॉकडाउन शुरू होने के बाद भारत में संक्रमित मामलों की संख्या के दोगुने होने की रफ़्तार में लगातार कमी आ रही है . उन्होंने कहा कि अगर ये क्रम जारी रहता है तो 30 अप्रैल के बाद नए केसों की संख्या में निरंतर कमी आती जाएगी .
क़रीब 10 दिनों में दोगुने हो रहे केस
प्रेस कांफ्रेंस में सरकार ने जो आंकड़े दिखाए उसके मुताबिक़ लॉकडाउन के पहले हफ़्ते ( 24 - 30 मार्च ) के दौरान देश में कोरोना संक्रमण के मामले 5.2 दिनों में बढ़ रहे थे . दूसरे हफ्ते ( 31 मार्च - 6 अप्रैल ) में केसों के बढ़ने की रफ़्तार थोड़ी बढ़ गई और ये महज 4.2 दिनों में दोगुनी होने लगी . तीसरे हफ़्ते ( 7 - 13 अप्रैल ) में 6.0 दिनों में तो चौथे ( 14 - 20 अप्रैल ) हफ़्ते में केसों के दोगुने होने की रफ़्तार 8.6 दिन हो गई . डॉ वी के पॉल ने कहा कि 21 अप्रैल से शुरू हुए पांचवें हफ़्ते में अबतक के आंकड़े बताते हैं कि मामले 10 दिनों में दोगुने हो रहे हैं .
ज़ाहिर है संक्रमण के मामलों में बढोत्तरी की रफ़्तार धीरे धीरे घटी है . डॉ पॉल ने कहा कि लॉकडाउन के पहले चरण का सकारात्मक परिणाम 5 अप्रैल के बाद दिखना शुरू हुआ जो अभी तक जारी है और चूंकि लॉकडाउन अभी भी जारी है लिहाज़ा इसका परिणाम मई के पहले और दूसरे हफ्ते में भी देखने को मिलेगा .
लॉकडाउन का निर्णय बिल्कुल सही समय पर
लॉकडाउन को लेकर मोदी सरकार को भले ही कॉंग्रेस और बाक़ी विपक्ष की आलोचना झेल रही हो लेकिन सरकार ने एक बार फिर लॉकडाउन का जमकर बचाव किया है . वी के पॉल ने कहा कि प्रधानमंत्री ने लॉकडाउन का फ़ैसला बिल्कुल सही समय पर और सभी विशेषज्ञों से राय लेकर किया था . उनके मुताबिक़ भारत ने लॉकडाउन का फ़ैसला तब किया जब इसकी जरूरत थी जबकि दूसरे देशों में तब किया गया जब संक्रमण की संख्या काफ़ी बढ़ गई . पॉल ने कहा कि देश में महामारी फ़िलहाल नियंत्रण में और सीमित है . प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद राष्ट्रीय रोग नियंत्रण सेन्टर के निदेशक एस के सिंह ने कहा कि फ़िलहाल 9.46 लाख लोगों पर निगरानी की जा रही है जो कोरोना के संदिग्ध हो सकते हैं .