नई दिल्ली: आंध्रा प्रदेश के मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी एक बार फिर सुर्खियों में हैं. अपने साथ पांच उपमुख्यमंत्रियों को शपथ दिलाकर रिकॉर्ड बनानेवाले जगन अब एक और नया कारनामा करने जा रहे हैं. उन्होंने संकेत दिया है कि राज्य की अब तीन राजधानी हो सकती है. उनका कहना है कि विशाखापटनम, अमरावती और कुरनूल को राज्य की राजधानी बनाया जा सकता है. जगन का मानना है कि ऐसा करने से राज्य के विकास का विकेंद्रीकरण होगा. प्रस्तावित राजधानी का अध्ययन करने के लिए उन्होंने एक टीम गठित की है. जिसमें शहरी योजना से जुड़े विशेषज्ञ भी शामिल हैं. टीम विभिन्न पहलुओं पर विचार करने के बाद चंद दिनों में रिपोर्ट सौंपने वाली है.


जगन शासन से बेहतर तुगलक शासन-चंद्रबाबू नायडू


आपको बता दें कि विधानसभा सत्र के दौरान मुख्यमंत्री जगन एलान कर चुके हैं कि एक प्रतिष्ठित कंसलटेंसी फर्म इस बाबत अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. फर्म की रिपोर्ट के तमाम पहलुओं पर विचार के बाद फैसला लिया जाएगा. मुख्यमंत्री का मानना है कि इससे राज्य का विकेंद्रीकरण होगा और समग्र विकास को बढ़ावा मिलेगा.


रायलसीमा क्षेत्र में कुरनूल के लोगों की मांग रही है कि प्रस्तावित राजधानी में उनके जिले का नाम हो. वकीलों और छात्रों ने भी इसके लिए आंदोलन चलाया है. जगनमोहन रेड्डी की भी कार्यस्थली रायलसीमा क्षेत्र होने की वजह से माना जा रहा है कि कुरनूल को राजधानी बनाया जा सकता है.


इससे पहले राज्य में विकास के मुद्दे को लेकर जगनमोहन की चुप्पी पर विपक्ष निशाना साधता रहा है. जगनमोहन पर दबाव उस वक्त और ज्यादा बढ़ गया जब राज्य में कई उद्योग समूहों ने निवेश करने से हाथ खींच लिया. यहां तक कि वर्ल्ड बैंक भी राज्य में निवेश से पीछे हट गया. इसलिए चौतरफा आलोचना के बीच जगन ने संकेत दिया कि सरकार की पहली प्राथमिकता मैनोफेस्टो में किये वादे को पूरा करने पर होगी.


राज्य में प्रस्तावित तीन राजधानी के एलान के बाद विपक्ष मुख्यमंत्री पर हमलावर हो गया है. नेता प्रतिपक्ष चंद्रबाबू नायडू ने प्रस्तावित तीन राजधानी को तुगलकी फरमान बताया है. उन्होंने पूछा कि जगन रहेंगे कहां? चुटकी लेते हुए चंद्रबाबू नायडू ने कहा, ”क्या जगन अमरावती में तीन निवास बनाएंगे?” उन्होंने कहा कि जगन शासन से बेहतर तुगलक का शासन बेहतर प्रतीत होता है.