हिमाचल प्रदेश में 30 अक्टूबर को हुए उपचुनाव के नतीजे बीजेपी के लिए झटका साबित हुए. बीजेपी को एक लोकसभा और तीन विधानसभा सीटें गंवानी पड़ीं. इस पर हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा, इसमें कोई शक नहीं कि राज्य में चुनाव नतीजे उम्मीद के मुताबिक नहीं रहे. वोटों की संख्या में मामूली अंतर था. अगर हम मंडी चुनाव के नतीजे देखें तो यह अब तक का सबसे कम अंतर है. कई चीजें सामने आ रही हैं कि हमारे पास कहां कमी थी लेकिन हम जल्दी में नहीं हैं. हम इसकी समीक्षा करेंगे. हमें जो फीडबैक मिलेगा, उसके आधार पर योजना बनाई जाएगी. 2022 में अभी भी कुछ समय है, जीत-हार तब भी होती है जब सरकार होती है. यह पहले भी हुआ था. हम यह सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे कि भाजपा 2022 में राज्य में सत्ता में वापस आए.
जब पूछा गया कि क्या राज्य उपचुनाव परिणामों के बाद कैबिनेट में फेरबदल या नेतृत्व में परिवर्तन होगा तो उन्होंने कहा, मैं इस पर ज्यादा कुछ नहीं कहना चाहता. केंद्रीय नेतृत्व को सभी स्वीकार करेंगे. अब तक, मुझे उनसे ऐसा कोई संकेत नहीं मिला है.बता दें कि बीजेपी को बड़ा झटका देते हुए विपक्षी दल कांग्रेस ने मंडी लोकसभा सीट और तीनों विधानसभा सीटों फतेहपुर, अर्की और जुबल-कोटखाई पर जीत हासिल कर ली.
जुबल-कोटखाई सीट पर भाजपा प्रत्याशी नीलम सेराइक अपनी जमानत भी नहीं बचा सकीं, उन्हें महज 2,644 वोट मिले. सेराइक को पार्टी के बागी के हाथों हार झेलनी पड़ी, जिनके पिता पहले इस सीट से विधायक हुआ करते थे. कांग्रेस ने अपनी फतेहपुर और अर्की सीटें बरकरार रखी हैं. वह जुबल-कोटखाई सीट भाजपा से छीनने में कामयाब हुई है. कभी भारतीय जनता पार्टी के हिस्से में रही मंडी लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी व पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी और करगिल युद्ध के अनुभवी सैनिक भाजपा प्रत्याशी कौशल ठाकुर को 7,490 वोटों के अंतर से हराया.
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