भारतीय सेना का बड़ा फैसला, अब तोप भी चलाएंगी महिलाएं, जानिए और कहां-कहां दी गई है जिम्मेदारी
केंद्र सरकार प्राथमिकता के आधार पर सेना में महिलाओं भूमिका को बढ़ाने के लिए कई तरह के प्रयास कर रही है. लड़ाकू विमानों से लेकर युद्धपोतों पर तैनात रहीं महिलाएं अब तोप भी चलाएंगी.
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भारतीय सेना में महिलाएं दुश्मनों से देश की रक्षा करने के साथ ही उनको मुंहतोड़ जवाब भी दे रही हैं. पिछले कुछ समय में भारत की सशस्त्र सेनाओं में महिलाओं की संख्या तेजी से बढ़ी है. सरकार भी प्राथमिकता के आधार पर सेना में उनकी भूमिका को बढ़ाने के लिए कई तरह के प्रयास कर रही है.
परमानेंट कमिशन के बाद अब एक और क्षेत्र में सेना ने महिलाओं के लिए दरवाजे खोले. दरअसल महिला अधिकारियों को भारतीय सेना के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक आर्टिलरी में शामिल किया जाएगा. आर्टिलरी में लगभग 300 रेजिमेंट (प्रत्येक में 18 बंदूकें हैं) और लगभग 5,000 अधिकारी हैं. जिसका मतलब है कि आने वाले समय में महिला ऑफिसर्स के हाथों में बोफोर्स होवित्जर, K-9 वज्र जैसी तोपें दिखेंगी.
भारतीय सेना के इस कदम को जेंडर न्यूट्रल बनाने की दिशा में देखा जा रहा है. आर्मी एयर डिफेंस (एएडी), जिसे कभी एयर डिफेंस आर्टिलरी, आर्मी सिग्नल कॉर्प्स, आर्मी एविएशन कॉर्प्स और इंजीनियर्स कहा जाता था, जैसे सभी लड़ाकू हथियारों को पहले से ही महिला अधिकारी चला रही हैं.
सेना में क्या है महिलाओं की स्थिति
- तीनों सेना में महिलाओं को साल 1992 में शॉर्ट-सर्विस कमीशन (SSC) अधिकारियों के रूप में शामिल करने का फैसला लिया गया था. यह पहली बार था जब महिलाएं को भारतीय सेना में चिकित्सा के बाहर भर्ती होने की अनुमति दी गई थी.
- इसके बाद साल 2015 में भारतीय वायु सेना ने महिलाओं को लड़ाकू इकाई में शामिल करने का फैसला किया.
- साल 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को सेना की गैर-लड़ाकू सहायता इकाइयों में महिला अधिकारियों को पुरुष समकक्षों के समान ही स्थायी कमीशन देने का निर्देश दिया. अब तक अधिकतर महिलाओं की भर्ती सेना में शॉर्ट सर्विस कमीशन के तहत होती थी.
- साल 2021 में भारतीय नौसेना ने लगभग 25 सालों के अंतराल के बाद चार महिला अधिकारियों को युद्धपोतों पर तैनात किया. इसी साल मई के महीने में कोर ऑफ मिलिट्री पुलिस में भी महिलाओं की पहले बैच को शामिल किया.
वर्तमान में क्या है भारतीय सेना में महिलाओं की स्थिति
भारत सरकार की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार वर्तमान में तीनों सेनाओं में कुल मिलाकर 9,118 महिलाएं हैं. हालांकि केंद्र सरकार प्राथमिकता के आधार पर सेनाओं में उनकी भूमिका को बढ़ाने के लिए कई तरह के प्रयास कर रही है. यही कारण भी है कि साल 2019 की तुलना में साल 2020 में भारत की तीनों सेनाओं में महिलाओं की संख्या में बढ़त देखी गई है.
अब महिलाएं लड़ाकू जहाज उड़ाने, पानी के जहाज पर अहम जिम्मेदारियां संभालने के साथ ही स्पेशनल ऑपरेशन के जरिए दुश्मन को सबक सिखाने में अहम भूमिकाएं निभा रही हैं.
भारतीय सेना में सबसे ज्यादा महिलाएं नेवी में काम कर रही हैं. नेवी में लगभग 6.5 प्रतिशत महिलाएं हैं. जबकि नौसेना में 600 महिला ऑफिसर्स और भारतीय वायुसेना में इनकी संख्या लगभग 1607 है. इसके अलावा, मिलिट्री मेडिकल स्ट्रीम में करीब 1670 महिला डॉक्टर्स, 190 डेंटिस्ट्स और 4,750 नर्सेज हैं.
बीते 6 सालों में भारतीय सेना में महिलाओं की संख्या तीन गुना बढ़ गई है. साल 2019 के आंकड़ों को देखें तो विश्व की दूसरी सबसे बड़ी थल सेना में महिलाओं की संख्या केवल 3.8 प्रतिशत है जबकि वायु सेना में इनकी संख्या 13 प्रतिशत और नौसेना में 6 प्रतिशत है.
अन्य देशों में क्या है महिलाओं की स्थिति
- नेशनल काउंसिल फॉर सोशल स्टडीज के मुताबिक साल 2015 में दुनिया के अलग-अलग देशों में सेना में महिलाओं की संख्या लगभग 53,000 थी. हालांकि यह दुनिया के कुल सेना की क्षमता का पांच फीसदी था.
- इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्ट्रेटेजिक स्टडीज के अनुसार भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान की सेना में 3,400 महिलाएं हैं. ये महिलाएं भी मेडिकल या डेस्क जॉब करती हैं.
- GlobalSecurity.org. की एक रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी सेना में लगभग 16 प्रतिशत महिलाएं हैं जिनकी संख्या करीब 74,000 है.
- वहीं रूस में 10% महिलाएं सेना में शामिल हैं. ये डाटा इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्ट्रेटेजिक स्टडीज का है. यहां पैरा मिलिट्री महिलाओं की संख्या सीआरपीएफ 5928 सीआईएसएफ 5896 बीएसएफ 2640 एसएसबी 1166 आईटीबीपी 1091 है.
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